बहराइच। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की बड़ी कमी है। पयागपुर तहसील क्षेत्र के कई विद्यालय तो ऐसे हैं, जो शिक्षक विहीन ना हो गए हैं। अंतरजनपदीय तबादले के बाद से उनकी कमी पूरी नहीं हो सकी है। एक शिक्षक के पास दो विद्यालयों का प्रभार होने के कारण पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इन दिनों स्कूलों में छुट्टी चल रही है। खुलने के बाद फिर से वही समस्या होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले में 2803 परिषदीय विद्यालय हैं। इनमें लगभग पांच लाख बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा करीब 8000 शिक्षकों पर है। यदि बच्चों की संख्या देखा
जाए, तो उसके अनुपात में शिक्षक बहुत कम हैं। पयागपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय हंसुआपारा, प्राथमिक विद्यालय कल्वापुर, प्राथमिक विद्यालय प्रहलादसिंह पुरवा में एक भी शिक्षक नहीं हैं। ये तीनों
स्कूल शिक्षा मित्र के भरोसे चल रहे हैं। मालूम हो कि नई तबादला नीति के दौरान जून 2023 में जिले के 748 शिक्षकों ने गृह जनपद स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। जिसमें 58 शिक्षकों के आवेदन फर्जी पाए गए थे शेष 690 शिक्षकों का तबादला हो गया। इसके बदले जिले को सिर्फ 38 शिक्षक ही मिले थे। एक तो पहले से ही जिले में शिक्षकों की बड़ी कमी थी। रहा सहा बाद में तबादला हो जाने से कमी और बढ़ गई।
एक शिक्षक के पास दो जगहों का प्रभार
■ जिले के तमाम ऐसे परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक जिनके पास दूसरे स्कूल का प्रभार दिया गया है। ऐसे में शिक्षकों के दौड़-भाग के कारण किसी स्कूल में ठीक से शिक्षण कार्य नहीं हो पा रहा है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है
शीघ्र ही निकालेंगे समाधान
शासन की तरफ से कोई नया आदेश नहीं आया है। शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए समायोजन की तैयारी चल रही है। शीघ्र ही कोई समाधान निकाला जाएगा।
- वीरेंद्र नाथ द्विवेदी, खंड शिक्षा अधिकारी पयागपुर