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निज प्रतिनिधि, नई दिल्लीः 10 साल तक केंद्र में उनकी बहुमत की सरकस थी। इस संख्या बल के दम पर लोक कल्याण की योजनाओं और देशवासियों को सीधे सेवाएं प्रदान करने या लोगों के हाथों में अतिरिक्त पैसा देने की बजाय राजकोष को मजबूत करने के साथ प्रशासनिक सुधार जैसे साहसिक कदम उठाये गए। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने सरकारी अनुदानों को रेवड़ियों का नाम दे दिया था। उसी दौरान संकेत दिये गए थे कि मोदी सरकार फिलहाल नए वेतन
आयोग के बारे में नहीं सोच रही है। लेकिन एक ही चुनाव ने सारी सोच उलट-पुलट हो गई। मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में विशुद्ध एनडीए सरकार बन गई है... लिहाजा भाजपा का आत्मविश्वास बिखरा- बिखरा लग रहा है। इसलिए समाज के हर स्तर के लोगों को अब खुश करने की कोशिश शुरू हो गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक महीने बाद अंतरिम बजट पेश करेंगी। संकेत मिल रहे हैं कि आठवें वेतन आयोग के गठन के साथ ही इसकी कवायद शुरू होनेवाली है.
फैसले को मंजूरी मिल जाती है, तो फरवरी 2025 के बजट में इसकी औपचारिक घोषणा होगी। हालांकि, एक वर्ग का मानना है कि केंद्र सरकार तीन राज्यों में होनेवाले आगामी चुनावों में इसे भुनाने की कोशिश करेगी। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अपने पहले भाषण में पीएम मोदी ने पार्टी मुख्यालय से स्पष्ट कहा था- देश का मध्य वर्ग हमारी प्रेरक शक्ति है। सरकार उनके साथ खड़ी होगी। आठवां वेतन आयोग जनवरी 2026 में लागू हो सकता है। यह 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख रिटापर कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की रकम वेतन आयोग की सिफारिश पर फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से तय होगी। एक अनुमान के अनुसार फिटमेंट फैक्टर 3.68 गुना तक बढ़ सकता है। ऐसे में बेसिक पे 8 हजार से बढ़कर 25 हजार हो जाएगा। हालांकि इसके बाद सवाल आता है कि क्या सरकार आगामी बजट में इनकम टैक्स पर कोई रियायत देगी? क्योंकि सरकारी और निका से. इथहा है कि उन्हें आयकर में कुछ बयत हो, जिसमें ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।