42 लाख विद्यार्थियों को मुफ्त किताबें बांटने की चुनौती

• परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक व दो में नहीं बंटीं पुस्तकें


• 28 जून से शुरू होगी पढ़ाई, काम में तेजी लाने के निर्देश
 लखनऊ :
परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक व कक्षा दो के विद्यार्थियों को अभी तक मुफ्त पाठ्य-पुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद अब 28 जून से विद्यार्थियों की फिर से पढ़ाई शुरू होगी। ऐसे में अब 42 लाख छात्रों को किताबें उपलब्ध कराने की चुनौती है। फिलहाल पुस्तकों की छपाई के साथ-साथ जिलों में सप्लाई का काम भी शुरू कर दिया गया है। कुछ जिलों में किताबें पहुंचना शुरू हो गई हैं। गुरुवार से अन्य सभी जिलों में किताबें पहुंचना शुरू हो जाएंगीं।

राज्य पाठ्य-पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी के अनुसार कक्षा एक व कक्षा दो में छात्रों को छह-छह पुस्तकें दी जाएंगी। वहीं उर्दू माध्यम व अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को दो-दो पुस्तकें अतिरिक्त मिलेंगी। 




राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ! का पाठ्यक्रम इस शैक्षिक सत्र से
इन दोनों कक्षाओं में लागू किया गया है। ऐसे में पाठ्यक्रम निर्धारण में देरी हुई और फिर मार्च में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पुस्तकों की छपाई का काम लटक गया। बाद में चुनाव आयोग से अनुमति लेकर छपाई शुरू की गई। राज्य स्तर से जिला मुख्यालयों पर किताबें पहुंचाई जाएंगी और फिर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी इन्हें स्कूलों तक पहुंचाएंगे। उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव कहते हैं कि 25 जून से शिक्षकों को स्कूल बुलाया गया है, वह पुस्तकें पहुंचने पर छात्रों के वितरण की तैयारी करेंगे। फिर भी सभी विद्यार्थियों को किताबें मिल पाना कठिन होगा। ऐसे में जिन विद्यार्थियों के पास किताबें नहीं होंगी उनका कोर्स छूटेगा।