लखनऊ : 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापनों के आधार पर भर्ती कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ मिलेगा। भले ही उनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 या उसके बाद हुई हो। कैबिनेट से पास इस प्रस्ताव का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए विकल्प 31 अक्टूबर तक भरना होगा। विकल्प न भरने वालों को ओपीएस का लाभ नहीं मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस निर्णय का लाभ राज्य कर्मचारियों के साथ ही परिषदीय विद्यालयों/शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलेगा। अभी तक 28 मार्च 2005 की अधिसूचना के अनुसार एक अप्रैल 2005 या फिर इसके बाद कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू है। केंद्र सरकार ने तीन मार्च 2023 के आदेश में साफ किया है कि एक जनवरी 2004 को
या फिर उसके उपरांत ऐसी किसी भी रिक्ति के सापेक्ष हुई भर्ती जिसका विज्ञापन केंद्र सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना 22 दिसंबर 2003 के पूर्व हो चुका था। ऐसे कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना को चुनने का एक बार विकल्प दिया जाएगा।
इसी के तहत अब प्रदेश सरकार ने 28 मार्च 2005 के पूर्व प्रकाशित अधिसूचना के सापेक्ष जितनी भी भर्तियां हुईं हैं उन कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक बार विकल्प दिया जाएगा। विकल्प 31 अक्टूबर तक भरना होगा। जो पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनेंगे उनके राष्ट्रीय पेंशन योजना के खाते 30 जून 2025 से बंद कर दिए जाएंगे। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत खातों में जमा कर्मचारियों का अंशदान उनके सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा कर दिया जाएगा। इसमें जमा सरकारी अशंदान राजकोष में जमा किया जाएगा।