वर्ष में दो बार होंगी 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं


नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025- 26 से दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी साल में दो बार कराने को लेकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की फिर से जानकारी दी और कहा कि अभी तक इसे जेईई की तर्ज पर कराने पर सहमति बनी है। इसमें पहली परीक्षा फरवरी में और दूसरी परीक्षा अप्रैल में होगी। छात्रों को दोनों ही परीक्षाओं में शामिल होने के विकल्प दिए जाएंगे। इनमें से उनका प्रदर्शन जिसमें बेहतर होगा उसे ही अंतिम स्कोर माना जाएगा।


प्रधान ने बताया कि वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने के बेहतर तरीके को लेकर मंत्रालय की सीबीएसई सहित दूसरे शिक्षा बोर्डों के साथ ही चर्चा चल रही है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इस पहल से बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों का तनाव कम होगा। किसी कारण से किसी छात्र का पहली बार में यदि पेपर खराब हो गया, तो उसके पास दूसरी बार परीक्षा देने का विकल्प रहेगा। वहीं उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने के फैसले के बाद अब बारहवीं के परीक्षा में देरी के चलते ऐसे बच्चों के दाखिले को लेकर उठ रहे सवाल भी खत्म हो गए। उसे अब प्रवेश के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह भी साफ किया है कि सीयूईटी के आधार पर ही दोनों ही सत्रों में छात्रों को प्रवेश मिलेगा। दूसरे सत्र में प्रवेश के लिए उन्हें अलग-अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। अभी जुलाई के सत्र के लिए सीयूईटी होती है। 



दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने के लिए दो फार्मूले तैयार किए गए हैं। एक फार्मूला सेमेस्टर यानी छह-छह महीने में परीक्षा कराने का भी है। हालांकि अब तक जेईई की तर्ज पर ही इसे कराने को लेकर सहमति बनी है।
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा मंत्री