शिक्षिका पर यौन संबंध बनाने का आरोप लगाने वाले छात्र की भी होगी जांच, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी HC ने लगाई रोक


हाईकोर्ट ने प्रयागराज के कैंट इलाके में स्थित स्कूल की शिक्षिका पर यौन उत्पीड़न और धर्मांतरण का आरोप लगाने वाले छात्र की जांच साइबर सेल से कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वह प्रकरण की जांच साइबर सेल को स्थानांतरित करें और साइबर सेल इस बात की जांच करें कि क्या छात्र ने शिक्षिका के मोबाइल नंबर से फेंक आईडी बनाई थी। कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता छात्र के पिता को बेटे का मोबाइल फोन पुलिस को सौंपने का निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने स्कूल प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। प्रिंसिपल की याचिका में यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने दिया है।




याची प्रिंसिपल का कहना था कि वह एक प्रतिष्ठित स्कूल का प्रिंसिपल है। जिसमें शिकायतकर्ता का बेटा दसवीं का छात्र है। शिकायतकर्ता ने 156 (3) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि स्कूल की एक शिक्षिका छात्र पर यौन संबंध बनाने और धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाल रही है।

शिकायतकर्ता का कहना था कि अपने बेटे के मोबाइल फोन को चेक करते समय उसको इस बात की जानकारी हुई। बाद में आरोपियों ने इस चैट को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया और कुछ न्यूज चैनलों में भी इसे दिखाया गया। इस संबंध में बाल कल्याण समिति से भी शिकायत की गई मगर कुछ हुआ नहीं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि मामले की जानकारी होने के बाद प्रिंसिपल ने एक स्वतंत्र जांच कमेटी गठित की। जिसमें एक सेवानिवृत पीसीएस अधिकारी एक अन्य विद्यालय के प्रिंसिपल और एक कर्मचारी शामिल थे। इस कमेटी की जांच में सामने आया कि स्कूल के एक डांस फंक्शन में शिकायतकर्ता के बेटे ने शिक्षिका का फोन नंबर लिया था। बाद में उसकी फर्जी आईडी बना करके चैटिंग करने लगा। वह शिक्षिका पर मानसिक दबाव भी बना रहा था। जब मामला उछला तो छात्र ने शिक्षिका पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि छात्र भले ही नाबालिक है मगर वह मानसिक रूप से काफी मजबूत है और दूसरों पर हावी होने में सक्षम है।


कोर्ट ने प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रिंसिपल का नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं है। उल्टे मामले की जानकारी होने पर उन्होंने जांच का आदेश भी दिया और कमेटी गठित की । उधर मामले में छात्र के पिता ने तत्कालीन इंस्पेक्टर कैंट पर गंभीर आरोप लगाए थे। पत्नी को गलत इरादे के साथ धक्का भी दिया था। वहीं शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि जब उन्होंने छात्र के पिता को समझाने का प्रयास किया तो पिता उसके घर के नीचे ब्लैकमेल करने आ गए थे।

पिता और शिक्षिका ने दर्ज कराई रिपोर्ट

शुरुआत से ही पुलिस इस मामले की सच्चाई को समझ पाने में असफल रही। छात्र के पिता ने इस मामले में जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद शिक्षिका भी सामने आई और उसने आरोप लगाया कि छात्र के पिता की उसपर बुरी नियत थी। उसकी बात मानने से इंकार करने पर वह मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे रहा था। पुलिस दोनों की शिकायतें सुन रही थी मगर जांच के नाम पर केस को टालने का प्रयास लगातार जारी था।


30 सितम्बर 2023 को हुई थी जानकारी

कैंट स्थित स्कूल के चर्चित मामले में छात्र के पिता को 30 सितम्बर 2023 को जानकारी मिली थी। पिता के अनुसार दस बार आईजीआरएस में प्रार्थना पत्र दिया गया मगर हर बार कैंट पुलिस ने उसपर गलत रिपोर्ट लगाई। पिता ने बताया कि थाने में 2 अक्तूबर 2023 को कैंट थाने में शिकायत की थी, मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तत्कालीन इंस्पेक्टर कैंट की शिकायत भी की थी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मामला बढ़ा, दोनों पक्ष कोर्ट की शरण में पहुंचे

अंत में दोनों पक्ष कोर्ट की शरण में पहुंच गए। कोर्ट के आदेश के बाद कैंट थाने में छात्र के पिता की तहरीर पर शिक्षिका और प्रिंसिपल समेत चार के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।शिक्षिका ने भी कोर्ट के आदेश के बाद 23 जनवरी 2024 को कैंट थाने में छात्र और उसके पिता पर आईटी एक्ट, छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी।

आंदोलन हुआ अब मोबाइल पर अटका है मामला

घटना को लेकर छात्र के पक्ष में बजरंग दल ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन तक किया था। हंगामा हुआ था। इधर दोनों एफआईआर दर्ज होने के बाद भी पुलिस विवेचना में कोई खास तथ्य नहीं निकाल पाई। वर्तमान में छात्र के पिता की रिपोर्ट पर विवेचना एसीपी कल्याणपुर अभिषेक कुमार पाण्डेय कर रहे हैं। हालांकि मामला मोबाइल में अटका हुआ है। पिता का आरोप है कि पुलिस ने मोबाइल तोड़कर सबूत नष्ट कर दिए और पुलिस का कहना है कि उसमें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है उसमें से डिलीटेड मैसेज और फोटो की रिकवरी कराई जा रही है।

इंस्पेक्टर पर आरोप

छात्र के पिता ने तत्कालीन इंस्पेक्टर कैंट पर भी गम्भीर आरोप लगाए थे। उनका कहना है कि वह पत्नी के साथ एफआईआर और मोबाइल को लेकर जानकारी करने पहुंचे थे। मगर इंस्पेक्टर ने दोनों से बदसलूकी की थी।