लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से दर्ज करायी एफआईआर में सामने आये तथ्यों की जांच भी एसटीएफ ने शुरू कर दी है। एसटीएफ को प्रयागराज पुलिस ने बुधवार को इस मामले की केस डायरी उपलब्ध करा दी है। डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने अब तक की विवेचना में सामने आये तथ्यों पर विवेचक से कुछ बिन्दुओं पर बात भी की। साथ ही आरओ पर्चा लीक मामले में पहले से बंद आरोपितों को इस मामले में भी न्यायिक रिमाण्ड पर ले लिया है। जल्दी ही इन आरोपितों की पुलिस कस्टडी रिमांड भी एसटीएफ लेगी।
पर्चा लीक मामले में डॉ. शरद सिंह पटेल की गिरफ्तारी के बाद कई नये खुलासे हुए थे। शरद ने ही उगला था कि प्रयागराज के विशप जानसन गर्ल्स स्कूल में किस तरह पर्चा लीक कराया गया, इसका पूरा खुलासा किया था। इसमें ही परीक्षा नियंत्रक बनाये गये कमलेश कुमार पाल और अर्पित विनीत की भूमिका उजागर हुई थी। कमलेश ने ही 11 फरवरी की सुबह परीक्षा केन्द्र में पर्चा पहुंचते ही सील खोल कर एक पर्चे का फोटो खींच लिया था। फिर इस पर्चे को सौरभ शुक्ला को व्हाटसएप कर दिया था। सौरभ भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
एक टीम प्रयागराज रवाना: एसटीएफ की एक टीम बुधवार को ही प्रयागराज रवाना कर दी गई। यह टीम सिविल लाइंस थाने की पुलिस के साथ विशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल और आस पास लगे कैमरों की फुटेज खंगालेगी। स्कूल की चार फुटेज एसटीएफ पहले ले चुकी है। एसटीएफ इस मामले में जेल गये आरोपितों को रिमाण्ड पर लेने के लिये कोर्ट में अर्जी देगी।
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक मामले में तीन-तीन मास्टरमाइन्ड गिरफ्तार कर लिये गये पर इन लोगों ने इस पूरे नेटवर्क में शामिल कई अहम किरदारों का नाम नहीं उगला। पड़ताल में यह सामने आ चुका है कि लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पर्चा लीक करने की साजिश रची गई। प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ में तीन मुख्य आरोपितों राजीव नयन मिश्र, डॉ. शरद पटेल व रवि अत्री ने कई बार परीक्षा केन्द्रों के संचालकों से सम्पर्क किया। साथ ही यह भी तय किया कि किस जगह पर लीक पर्चे के उत्तर रटाये जायेंगे। ऐसे ही कई और खुलासों के लिये इन तीन लोगों के जेल में बयान लिये जायेंगे।
आरओ भर्ती परीक्षा और सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने के मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। इन दोनों पर्चों में राजीव नयन, डॉ. शरद व रवि अत्री की अहम भूमिका रही। इसके अलावा अन्य किरदारों की दोनों परीक्षाओं का पर्चा लीक करने में अलग-अलग भूमिका रही। एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह की टीम ने कई बिन्दुओं पर पड़ताल की। इसके बाद ही कई आरोपितों को जेल भेजा गया।
दिल्ली में एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल रहा: पड़ताल में यह भी सामने आया कि दिल्ली में इन लोगों के साजिश रचते समय मददगार के रूप में वहां का एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल रहा। इसकी भूमिका के सम्बन्ध में कोई ठोस साक्ष्य अभी एसटीएफ को नहीं मिल सका है। इसलिये अभी उस पर हाथ नहीं डाला गया है। पकड़े गये लोगों ने भी उसकी पूरी भूमिका का खुलासा नहीं किया है। उसके बारे में ये लोग गोलमोल जवाब देते रहे। इस वजह से ही एसटीएफ अब इन आरोपितों के जेल में बयान लिये जायेंगे। जरूरी पड़ने पर इनकी रिमाण्ड भी ली जा सकती है। दावा किया जा रहा है कि इन आरोपितों से कई और बिन्दुओं पर भी पूछताछ की जानी है।