वित्तीय और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के भर्ती प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार के मामले में कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय और वित्त अधिकारी समेत छह प्रोफेसरों के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति शैलेंद्र क्षितिज की खंडपीठ ने रसायन विभाग में कार्यरत सहायक प्रोफेसर रेखा लगराखा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है।

याची ने कुलपति और वित्त अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि कुलपति ने रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी और कुछ प्रोफेसरों के साथ मिलकर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कोष से 40 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

वर्ष 2023 में हुए बीएड परीक्षा से धन एकत्र कर कुलपति और एक प्रोफेसर के निजी संयुक्त खाते में अवैध रूप से स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके अलावा विश्वविद्यालय के आसपास विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया का पालन किए बगैर निविदाएं दी गई हैं। इससे 150 करोड़ के सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।

वित्तीय और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका

याची के अधिवक्ता रोहन पांडेय ने दलील दी कि वित्तीय अनियमितताओं के अलावा विश्वविद्यालय में हो रही भर्तियों और पदोन्नति की प्रक्रिया में भी अनियमितताएं बरती जा रही हैं।

याची भी 21 वर्षों से सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। लेकिन उसे अबतक पदोन्नति नही दी गई। इन सभी अनियमितताओं की शिकायत राज्यपाल से की गई जिस पर जांच हुई लेकिन समिति ने जांच के नाम पर खानापूरी की।

इसके पहले मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लगाए गए अरोपों की गंभीरता और याची की सद्भावना को सिद्ध करने के लिए याची को 50 हजार रुपये जमा करने का आदेश दिया था। जिसके अनुपालन में याची के रकम जमा कर दी। इसके बाद अदालत ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति, वित्त अधिकारी समेत छह प्रोफेसर्स को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।