, प्रयागराज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में नियुक्त पीठासीन अधिकारी को एक राजनीतिक पार्टी की रैली में शामिल होने पर निलंबित करने संबंधी कालेज प्रबंधक के आदेश 16 अप्रैल 2024 पर रोक लगा दी है। याची को कार्यकारी प्रधानाचार्य का कार्य करने देने तथा नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य व भारतीय चुनाव आयोग और राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 30 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लाला बाबू मेमोरियल इंटर कालेज सीधीपुर हापुड़ के प्रधानाचार्य सुनील दत्त शर्मा की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने जांच जारी रखने तथा याची को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
याची लोकसभा चुनाव में पीठासीन अधिकारी है। इसी बीच उसने राजनीतिक दल की रैली में हिस्सा लिया। इस पर चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से अपर जिला अधिकारी (वित्त एवं राजस्व हापुड़) ने जिला विद्यालय निरीक्षक के जरिये कार्रवाई का आदेश दिया। कालेज प्रबंधक ने जांच बैठाते हुए याची को निलंबित कर दिया, जिसे चुनौती दी गई। राज्य चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि याची सरकारी सेवक है, इसलिए पीठासीन अधिकारी होते हुए उसने चुनाव रैली में हिस्सा लेकर कदाचार किया है। याची का कहना था कि वह कालेज का कार्यकारी प्रधानाचार्य है। सरकार ने खुद ही शासनादेश जारी कर अध्यापकों को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति दी है। याची सरकारी सेवक नहीं है। बिना विधिक आधार उसे निलंबित किया गया है। जिस समय वह रैली में गया था तो उस समय पीठासीन अधिकारी का कार्य नहीं कर रहा था।