अब कंपोजिट ग्रांट से विद्यालयों में डेस्क-बेंच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिन स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट का कोई काम नहीं है। वहां के शिक्षक डेस्क-बेंच की खरीदारी कर सकेंगे। इसके लिए विभाग ने प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किया है। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग पीपीपी मॉडल से भी विद्यालयों को डेस्क-बेंच की सुविधा दिला रहा है।
जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित है। इसमें एक लाख 67 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि जिन विद्यालयों में दूसरे कार्य पहले से ही पूर्ण हैं वहां के हेडमास्टर कंपोजिट ग्रांट को डेस्क-बेंच में खर्च कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त तक शत-प्रतिशत विद्यालयों में डेस्क-बेंच की सुविधा कर दी जाएगी।
छात्र संख्या के आधार मिलती है ग्रांट
आंकड़ों पर गौर करें तो कंपोजिट ग्रांट एक से 30 तक बच्चों की संख्या पर 10 हजार, 30 से 100 बच्चों पर 25 हजार, 100 से 250 बच्चों पर 50 हजार, 250 से 1000 बच्चों पर 75 हजार और 1000 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों को एक लाख दी जाती है। आवंटित ग्रांट को विद्यालय प्रबंधन रंगरोगन, चहारदीवारी निर्माण, ढोलक, हारमोनियम सहित शैक्षिक और खेलकूद सामग्री पर खर्च करता है।