फर्रुखाबाद जिले में बेसिक शिक्षा विभाग बर्खास्त किए गए फर्जी शिक्षकों को ढूंढने में लापरवाही बरतता है। इसका नतीजा यह होता है कि न फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी हो पाती और न ही रिकवरी। धीरे-धीरे विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है। इससे फर्जी शिक्षक विभाग का करोड़ों रुपये हजम कर बैठे हैं। हालांकि विभाग दावा कर रहा है कि सात-आठ शिक्षकों से ही रिकवरी नहीं हुई है, जबकि हकीकत इससे इतर है।
केस-1
वर्ष 2020 में जनपद मैनपुरी की शिक्षिका अनीता कुमारी पुत्री राधेश्याम व फर्रुखाबाद के प्राथमिक विद्यालय बीबीगंज की प्रधानाध्यापिका अनीता कुमारी पुत्री राधेश्याम का पैनकार्ड एक पाया गया था। जांच गहनता से हुई तो बीबीगंज की प्रधानाध्यापिका के शैक्षिक अभिलेख फर्जी निकले। सितंबर 2020 में अनीता को बर्खास्त कर दिया गया था। विभाग अभी तक अनीता कुमारी का पता नहीं लगा सका है।
केस-2
वर्ष 2020 में एसआईटी ने आगरा में तैनात शिक्षिका सुमन शाक्य व नवाबगंज ब्लाॅक के प्राथमिक विद्यालय नया गनीपुर में तैनात शिक्षिका सुमन के पैनकार्ड एक पाए थे। इस मामले में फर्रुखाबाद की शिक्षिका ने अपने मौत तक का प्रमाण पत्र बीएसए कार्यालय भिजवाया था। गहनता से जांच हुई तो फर्रुखाबाद की शिक्षिका सुमन के अभिलेख फर्जी मिले। उन्हें भी सितंबर 2021 में बर्खास्त किया गया था।
केस- 3
वर्ष 2020 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कायमगंज की वार्डन निधि गुप्ता ब्लाॅक बढ़पुर के प्राथमिक विद्यालय गंगादरवाजा में तैनात शिक्षिका निधि गुप्ता पुत्री विष्णु कुमार गुप्ता के शैक्षिक अभिलेखों से नौकरी करते मिली थीं। मामला पकड़ में आने पर फर्जी वार्डन बिना बताए विद्यालय से गायब हो गई। वार्डन निधि गुप्ता को बर्खास्त तो कर दिया गया, लेकिन विभाग उसका पता आज तक नहीं कर सका।
सात-आठ शिक्षक होंगे, जिनसे रिकवरी नहीं हुई होगी। अधिकतर शिक्षक टेंपर्ड व फेक डिग्री वाले हैं, जिनके मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। रही बात गिरफ्तारी की तो, यह तो पुलिस का काम है। जिन बर्खास्त शिक्षकों से रिकवरी नहीं हुई है, उसके लिए वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिख दिया गया है। रिकवरी के मामले में जानकारी करेंगे। -गौतम प्रसाद, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी