परीक्षा देकर ड्यूटी की, मांगा पारिश्रमिक
प्रयागराज। लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण की जांच के दौरान एक रोचक मामला सामने आया है। पेपर लीक कराने के आरोप में झूंसी के जिस स्कूल के प्रबंधक को जेल भेजा गया है वह खुद इस परीक्षा में अभ्यर्थी था।
रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि एक परीक्षा केंद्र पर उसकी ड्यूटी भी लगी थी और उनसे परीक्षा ड्यूटी के एवज में पारिश्रम भी मांगा था।
एसटीएफ ने 21 अप्रैल को आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण के आरोपी डॉ. शरद सिह पटेल, अभिषेक शुक्ला, कमलेश कुमार पाल और अर्पित विनीत को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पकड़े गए आरोपियों में कमलेश कुमार पाल झूंसी स्थित एक स्कूल का मैनेजर है। कमलेश ने बिशप जानसन गर्ल्स विंग के कर्मचारी अर्पित विनीत को एक लाख रुपये एडवांस देकर पांच लाख में पेपर आउट कराने का सौदा किया था। कमलेश ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। वह चाहता था कि पेपर मिलते ही उसका काम हो जाए। हुआ भी यही।
पेपर लेने के बाद सॉल्वर गैंग की मदद से पेपर सॉल्व हुआ और कमलेश उत्तर रटकर पेपर देने गया था। एसटीएफ की मानें तो परीक्षा देने वाले कमलेश ने एक परीक्षा केंद्र पर अपनी ड्यूटी भी लगवा रखी थी।
बाद में पारिश्रमिक के लिए उसने पत्राचार भी किया था। इसका प्रमाण भी एसटीएफ को मिल गया है। कमलेश के जैसे कई अभ्यर्थियों ने पेपर मिलने के बाद परीक्षा दी थी। पुलिस अब इनको गवाह बनाएगी।