प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगनारायण तिवारी जूनियर हाईस्कूल साधोगंज वाराणसी के लिपिक की नियुक्ति निरस्त करने के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया है और तत्काल कार्यभार सौंपकर नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक माह में याची को बतौर हर्जाना 10 हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है।
कोर्ट ने इसके लिए दोषी अधिकारी से वसूली करने की छूट दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने अविनाश कुमार त्रिपाठी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस शासनादेश के आधार पर नियुक्ति निरस्त की गई है, वह याची के मामले में लागू नहीं था।
शैक्षिक स्टाफ की नियुक्ति पर लगा बैन हटा लिया गया था। नान टीचिंग स्टाफ पर यह शासनादेश लागू नहीं था, इसलिए लिपिक की नियुक्ति निरस्त करने का बीएसए का आदेश विधि विरुद्ध है।