मुरादाबाद,। आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए नित नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं। अब स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे वे पलायन करने वाली जगह के आसपास के विद्यालय में दाखिला ले सकें।
इसको लेकर पूर्व में प्रमुख सचिव ने सभी डीएम व अध्यक्ष जिला परियोजना समिति को पत्र भी लिखा है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिन्हीकरण, पंजीकरण और नामांकन के लिए प्रदेश के समस्त परिवारों का सर्वेक्षण किया जाना है। छह से 14 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जो आउट ऑफ स्कूल हैं, उनका
चिह्नीकरण करते हुए उनका नामांकन आयु संगत कक्षा में कराया जाना है। बच्चे हर हाल में स्कूल से जुड़े रहें, इसको लेकर नई-नई व्यवस्था बनाई जा रही है। ऐसे बच्चों को लेकर चिह्नीकरण किया जाना है, जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नहीं हुआ है। साथ ही ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में पूर्व में नामांकन हुआ था, लेकिन शिक्षा पूरी किए बिना ही विद्यालय छोड़ गए। ऐसे ड्रॉप आउट बच्चों या पलायन करने वाले बच्चों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे बच्चे को पलायन किए जाने वाले स्थान के निकटतम विद्यालय में माइग्रेशन सर्टिफिकेट के आधार नामांकन कराया जा सके।
17 जून से शुरू होगा बच्चों के लिए सर्वे
माना जा रहा है कि ड्रॉप आउट और पलायन करने वालों में ईंट-भट्टों, खदानों, कारखानों, होटलों, ढाबों, मलिन बस्तियों के बच्चों की संख्या ठीक-ठाक हो सकती है। ऐसे में 17 जून से 16 जुलाई तक प्रथम चरण में यहां सर्वे कराकर बच्चों को स्कूल से जोड़ने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
जिन बच्चों के घर बैठने और स्कूल छोड़ने की जानकारी मिल जाएगी, उन्हें माइग्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इसमें पता लगना जरूरी है कि बच्चा या परिवार पलायन के बाद कहां जा रहा है। इसके बाद सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा, जिससे उन्हें वहां दाखिला मिल जाए। - डॉ. अजीत कुमार, बीएसए