प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्र को अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत स्कूल में प्रवेश न दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
कोर्ट ने बीएसए शामली से प्रवेश न देने के कारणों की स्पष्ट जानकारी तलब करते हुए चेतावनी दी है। कहा है कि प्रवेश न दिए जाने कतार्किक कारण न मिला तो
अदालत कड़ा फैसला लेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला ने शामली के कैराना नगर पंचायत क्षेत्र में रहने वाले छात्र अमन और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची की अधिवक्ता चमन आरा ने बताया कि याची ने ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत प्राइमरी
स्कूल में प्रवेश का आवेदन दिया था, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने बिना उचित कारण बताए प्रवेश देने से इन्कार कर दिया। जबकि, अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा पाना छात्र का कानूनी हक है।
इससे पहले भी अदालत ने जानकारी तलब की थी। लेकिन, अधिकारियों की ओर से भेजी गई जानकारी पर्याप्त नहीं थी। इससे नाराज अदालत ने 29 मई तक जानकारी तलब की है