जौनपुर,। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गलत उत्तर पर 50 फीसदी से अधिक अंक देने के मामले अब नया मोड़ आ रहा है। परीक्षा की कॉपी पर जय श्री राम, जयराम जी, खिलाड़ियों के नाम लिखे उत्तर पर 50 फीसदी तक अंक मिल गए थे।
शिकायत के बाद दोबारा मूल्यांकन हुआ तो शून्य अंक हो गया। ऐसे में दोषी शिक्षक ने इस मामले में दबाव माना। दबी जुबां से कहा कि ऐसा कोई एक शिक्षक नहीं कर सकता। कॉपियों के मूल्यांकन में काफी दबाव होता है। कहा, कि यदि मैं फंसा तो जानना चाहूंगा कि आखिर कितने योग्य शिक्षक से पुन मूल्यांकन कराया गया कि शून्य अंक हो गया। बुधवार को एक मीडिया को दिए बयान में उन्होंने दबाव की बात को माना। यह भी कहा कि जिन कॉपियों पर ऐसा लिखा गया है, उसे उन्होंने चेक ही नहीं किया है। जो चार कॉपियां आईं थीं उसमें तीन किसी और ने किया है।
बता दें कि मामला डेढ़ वर्ष पुराना है। फार्मेसी के दो परीक्षकों के मूल्यांकन पर सवालिया निशान लगाते हुए छात्र नेता दिव्यांश ने राजभवन में शिकायत की। राजभवन से इस बारे में विश्वविद्यालय को संज्ञान लेने को कहा, विश्वविद्यालय ने जाच समिति का गठन किया। जांच में पाया कि चार उत्तर पुस्तिकाओं में 50 से 58 ़फीसदी के भीतर अंक प्रदान कर दिए हैं।
हालांकि परीक्षकों का मानना है यह जनरल अंक दिए गए हैं, 50 फीसदी अंक पाने पर ही छात्र पास होते हैं। जबकि गलत उत्तर में जय श्री राम, क्रिकेटरों का नाम कहानी राजनीति लिखी गई है। जांचोपरांत मामले को परीक्षा समिति में रखा गया। जिसमें फार्मेसी के शिक्षक डॉ.विनय वर्मा और डॉ. आशीष गुप्ता को दोषी ठहराया गया। सदस्यों ने उनके ऊपर कारवाई की सुस्तुति की है। हालांकि मामला कार्य परिषद में जाएगा और वहीं करवाई पर फैसला लिया जाएगा।