कोविशील्ड के बाद भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में भी दुष्प्रभाव पाए गए हैं। अध्ययन में पाया गया कि कोवैक्सीन लेने के एक साल बाद 30 फीसदी से ज्यादा लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी गईं। इसमें त्वचा से जुड़ी दिक्कतों से लेकर स्ट्रोक तक के खतरे शामिल हैं। चिकित्सा जगत के विशिष्ट जर्नल ‘ड्रग सेफ्टी’ में यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
आईएमएस बीएचयू के शोधकर्ताओं ने 635 किशोरों और 291 वयस्कों पर एक साल तक अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। 30 फीसदी से ज्यादा लोगों में सांस संबंधी संक्रमण, चर्मरोग, एलर्जी और खून का थक्का जमने की परेशानियां हैं। अध्ययन के दौरान चार व्यस्कों की मौत हो गई। चारों मधुमेह पीड़ित थे और तीन को उच्च रक्तचाप था। दो की मौत स्ट्रोक से हुई, जबकि एक की मृत्यु कोविड टीके के बाद राइनोसेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस से हुई। चौथी महिला थी, जो टीकाकरण के बाद बेहोशी की समस्या से जूझ रही थी, हालांकि उसकी मौत का कारण अज्ञात रहा। शोधकर्ताओं ने कहा, कोवैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव जानने के लिए संक्रमित और टीकाकृत लोगों की लंबे समय तक निगरानी जरूरी है।