लखनऊ में अवैध मदरसे पर छापा, छुड़ाए गए 24 बच्चे


लखनऊ : आधुनिक शिक्षा के नाम पर संचालित अवैध मदरसे में दीनी शिक्षा देकर उन्हें जन्नत जाने का पाठ पढ़ाया जा रहा था। उप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने शिकायत पर बुधवार को यहां से 24 बच्चों को छुड़ाया। तीन बच्चे मदरसा संचालक मौलाना इरफान और सैफुल्लाह के थे, जिन्हें उनको सौंप दिया गया। बिहार के दरभंगा के 21 बच्चों को बाल कल्याण परिषद के समक्ष पेश किया गया। सभी बच्चों के अभिभावकों को सूचित कर दिया गया है।


दुबग्गा के अंधे की चौकी के लाल नगर खेड़ा में जमी आतुल कासिम अल इस्लामिया नाम से अवैध मदरसा संचालित है। बिना पंजीकरण के चल रहे मदरसे की ग्रामीणों ने बाल संरक्षण आयोग को शिकायत की थी कि मदरसे में छोटे-छोटे बच्चों को रखा गया है और उन्हें दीनी शिक्षा के नाम पर जन्नत की शिक्षा देकर हाफिज बनाया जा रहा है। दो कमरों में संचालित मदरसे में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। शाम को बाल आयोग की टीम ने पुलिस बल के साथ छापा मारा तो

अफरातफरी मच गई। टीम ने दो कमरे में मदरसा संचालित पाया। दोनों संचालक बिहार के दरभंगा के गयारी थाना बिरौल के हैं। इरफान लाल नगर खेड़ा में आजमगढ़ के दरियापुर गांव के जीशान का मकान किराये पर लेकर मदरसा चला रहा था।

बोले बच्चे, हाफिज से

मिलेगी जन्नत

छह वर्ष से 15 साल की उम्र के बच्चों को यहां हाफिज बनाकर जन्नत का रास्ता दिखाया जा रहा थ। उप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि बच्चों से बातचीत की गई तो सभी ने चौंकाने वाली बात बतायी। बच्चों ने बताया कि मौलवी साहब बताते हैं कि जब मृत्यु होती है तो हाफिज की शिक्षा लेने वाले सीधे जन्नत में जाते हैं। इसलिए हम लोग यही पढ़ रहे हैं। बच्चों ने खाने के साथ ही रहने की अव्यवस्था को भी विस्तार से बताया। यहां हिंदी का कोई अध्यापक नहीं था। किसी को प्रारंभिक अक्षरों का ज्ञान नहीं था, लेकिन जन्नत जाने की शिक्षा उनके दिमाग में घर कर गई है। सभी को उनके माता- पिता के सिपुर्द किया जाएगा