शिक्षकों की पेंशन के 21 करोड़ गायब, जेडी को सौंपी जांच

कानपुर, 

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने नई पेंशन स्कीम में 2020 और 2021 में 21 करोड़ का बजट भेजा था पर यह धनराशि शिक्षकों के पेंशन खातों में अब तक नहीं भेजी गई। जांच में 21 करोड़ का कोई हिसाब नहीं मिला है। अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने जांच के आदेश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग में नई पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले 32 शिक्षकों का रिटायरमेंट हो चुका है। इनमें से एक को छोड़ किसी की पेंशन नहीं बनी है। यह सवाल शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने जब विधान परिषद में पूछा

तो जांच शुरू हुई। पता चला विभाग ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को 21 करोड़ भेजे थे, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को जानकारी ही नहीं है। अपर शिक्षा निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने जांच मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को सौंपी है। 12 मार्च, 2020 और 2 फरवरी, 2021 को 21 करोड़ जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय भेजे थे। अपर शिक्षा निदेशक ने कहा विधान परिषद में जब पूछा गया तो डीआईओएस कार्यालय ने बताया बजट नहीं मिला, जिससे नई पेंशन नहीं दी जा सकी। लेखा विभाग ने 21 करोड़ दिए जाने की जानकारी दी।


दूसरे मद में खर्च नहीं कर सकते

एनपीएस का बजट इसके अलावा किसी दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता, जो बजट आया थाशिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वर्ष 2016 तक का राज्यांश दिया जाना था पर शिक्षकों के खातों में नहीं गया।


दो अफसरों समेत तीन को नोटिस

जांच शुरू कर दी गई है। उप शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस कार्यालय में डीआईओएस, लेखाधिकारी और एनपीएस से जुड़े संबंधित बाबू से 21 करोड़ बजट का विवरण मांगा गया है। पूछा गया कि यदि यह धनराशि उपयोग की गई है तो किस खाते में हैं।

शासन को जवाब भेजना है। जांच की जिम्मेदारी डीडीआर को सौंपी गई है। दो- तीन दिन में जांच पूरी हो जाएगी। अभी 21 करोड़ कहां हैं, किसी के पास जानकारी नहीं है। दोषियों पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। - मनोज द्विवेदी, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक


जानकारी मिली है कि तीन-चार साल पहले 21 करोड़ का बजट आया था। इसका एनपीएस में उपयोग नहीं हुआ। बजट कहां है इसे जानने के लिए नोटिसें जारी की गई हैं। जांच की जा रही है। - अरुण कुमार, डीआईओएस


पिछले कई सालों से बजट की मांग की जा रही है पर कभी किसी ने इसकी जानकारी नहीं दी। इससे शिक्षकों को आर्थिक क्षति हुई है। इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाए। दोषियों को सजा दी जाए। - अखिलेश यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अटेवा