लखनऊ। प्रदेश में छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना का लाभ पाने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जाएगी। नई व्यवस्था वर्ष 2025-26 से लागू होगी। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रदेश में अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को ढाई लाख रुपये तक और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आमदनी होने पर इस योजना का लाभ मिलता है। विगत वर्षों में योजना में काफी गड़बड़ियां सामने आई थीं। मथुरा में तो एक ही छात्र को कई शिक्षण संस्थाओं में दिखाकर छात्रवृत्ति की
रकम हड़पी गई। मामले पकड़ में आने पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी सस्पेंड किए गए। शिक्षण संस्थानों को भी काली सूची में डाला गया। इस योजना में घपलों की गुंजाइश खत्म करने के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है।
50 लाख से ज्यादा को लाभ
बायोमीट्रिक हाजिरी लाभार्थी के चेहरे या अंगूठे पर आधारित होगी। कोई भी छात्र कक्षा में न्यूनतम 75 फीसदी हाजिरी होने पर ही योजना का लाभ पाने का हकदार होता है। हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र छात्रवृत्ति से लाभांवित होते हैं।