नए सत्र में अभिभावकों के लिए एक स्कूल से दूसरे स्कूल में बच्चे का प्रवेश करवाना मुश्किल होता जा रहा है। इस तरह के प्रवेश के लिए ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) के साथ परमानेंट एजुकेशन नंबर (PEN)
भी जरूरी है। ज्यादातर स्कूल टीसी पर PEN दर्ज नहीं कर रहे, जबकि नए स्कूल में PEN के बिना प्रवेश नहीं हो रहा। ऐसे में अभिभावक टीसी मिलने के बाद भी प्रवेश के लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं। स्कूलों में प्रवेश के लिए बीते सत्र से परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य हो गया है। इसके लिए स्कूलों को अपने यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का रेकॉर्ड यू-डायस पर चढ़ाना होता है। इससे उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर जनरेट होता है, लेकिन स्कूल टीसी के साथ स्टूडेंट का परमानेंट एजुकेशन नंबर नहीं दे रहे। माध्यमिक विद्यालयों, सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों को अभी तक टीसी पर यू-डायस कोड और पेन दर्ज करने का लिखित आदेश भी जारी नहीं हुआ है। इसके साथ टीसी पर पेन और आधार दर्ज करने का अलग कॉलम भी तय नहीं है। दूसरे स्कूल में बच्चे का प्रवेश करवाने जा रहे अभिभावकों को मुसीबतें उठानी पड़ रही हैं।
पेन नंबर की व्यवस्था पिछले साल लागू हुई है। । इस सत्र में सभी बच्चों के रेकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएंगे। फिलहाल टीसी के साथ पेन नंबर और यू-डायस कोड लिखने के निर्देश दिए गए हैं। - राकेश कुमार पांडे, डीआईओएस, लखनऊ
राजधानी समेत प्रदेश में कई स्कूल रजिस्टर्ड नहीं है। कई
बच्चों के नाम एक से अधिक स्कूल में दर्ज होने के मामले
भी सामने आते हैं। यह फर्जीवाड़ा रोकने के लिए रजिस्टर्ड स्कूलों का यू-डायस और स्टूडेंट का PEN जारी किया जा रहा है। स्कूल यू-डायस पर स्टूडेंट्स का पूरा रेकॉर्ड आधार, कक्षा, सेक्शन, माता-पिता का नाम, पता, जन्मतिथि वगैरह दर्ज करते हैं। रेकॉर्ड दर्ज करते ही स्टूडेंट का पेन नंबर जनरेट हो जाता है। स्कूलों को टीसी के साथ PEN देने के निर्देश हैं, लेकिन नई व्यवस्था के कारण स्कूलों में गलती हो रही है। कई स्कूलों में अभी बच्चों के रेकॉर्ड यू-डायस पर अपलोड नहीं हो सके हैं। ऐसे में अभिभावक टीसी लेते समय स्कूल से PEN की मांग कर सकते हैं।