समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) का पर्चा लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने गुरुवार को कोचिंग संचालक अमित सिंह को गिरफ्तार किया है। अमित को पूछताछ के लिए मुख्यालय बुलाया गया था। उसके बारे में नोएडा में गिरफ्तार मुख्य आरोपी राजीव नयन ने काफी जानकारी दी थी।
अमित गोमतीनगर में कॉमर्स की कोचिंग चलाता था। उसने कई अभ्यर्थियों को राजीव नयन से मिलवा कर लाखों रुपये वसूले थे। अमित ने वर्ष 2020 में टीजीटी परीक्षा का पर्चा भी राजीव नयन के माध्यम से लेकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाया था। वह मेरठ में पहले भी जेल जा चुका है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक अमित लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर-डी में रह रहा था। मूल रूप से वह गोण्डा के करनैलगंज स्थित पाण्डेय चौरा का रहने वाला है। अमित के साथ गिरोह में शामिल रहे बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार सिंह और सौरभ शुक्ला को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन दोनों के खिलाफ कौशाम्बी के मंझनपुर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इन दोनों ने ही सबसे पहले राजीव नयन की अहम भूमिका का खुलासा किया था। इसके बाद बीती दो अप्रैल को नोएडा में एसटीएफ ने राजीव को पकड़ लिया था। राजीव ने डॉ. शरद को 25 लाख रुपये में आरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा बेचा था। इस दौरान ही अमित सिंह का नाम सामने आया था।
बलिया के दोस्त की मदद से सरगना से मिला था
अमित ने एसटीएफ को बताया कि गोमती नगर में कोचिंग चलाने के दौरान उसकी मित्रता बलिया के दीपक दुबे से हुई थी। दीपक ने ही उसे प्रयागराज निवासी राजीव नयन उर्फ राहुल मिश्रा से मिलवाया था। अमित ने वर्ष 2020-21 की टीजीटी परीक्षा का पर्चा पढ़वाने के लिये राजीव को 20 लाख रुपये दिये थे। राजीव ने कहा था कि वह सिपाही भर्ती व आरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करायेगा। इसके लिये अमित ने राजीव को कई अभ्यर्थियों से मिलवाया था। तब सौदा 15 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी देना तय हुआ था। एसटीएफ की एक टीम अमित सिंह को लेकर कौशाम्बी रवाना हो गई है। उसे वहीं के मुकदमे में कोर्ट में पेश किया जायेगा।