Writ A 523 of 2024 at Lucknow bench {Himanshu Rana & Oths. Vs Union Of India & Oths. }
प्रयागराज से भारी मात्रा में Non Tet शिक्षकों ने उपरोक्त याचिका में IA डाली है और न्यायालय से बताया है कि :-
खंडपीठ के दिनांक 29/01/2024 के आदेश के उपरांत उनकी पदोन्नत्ति नहीं हो पाई है। जबकि उनकी नियुक्ति 2007 & 2008 के बैच की है यानी RTE act के आने के पहले की और Act की guidelines के अनुसार 23.08.2010 से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के लिए TET binding नहीं है।
Interveners ने ये भी बताया है कि वर्ष 2016 में उनके साथ नियुक्त साथियों की पदोन्नत्ति भी बिना TET के हुई थी लेकिन अब कहा जा रहा है कि TET mandatory है और कोर्ट ने फ़िलहाल पदोन्नत्ति पर रोक लगा दी है।
याचियों ने बताया कि वर्ष 2018 में दीपक शर्मा व अन्य बनाम राज्य सरकार की याचिका ये कहकर निस्तारण किया था कि NCTE द्वारा न्यूनतम अहर्ता को ही follow किया जाएगा और राज्य सरकार नियमावली के प्रावधान को न देखते हुए पदोन्नति के claim पर ध्यान दे । (अर्थात जो होगा NCTE द्वारा निर्धारित न्यूनतम अहर्ता के अनुसार होगा)
फिर यही याचिका अपील में गई और NCTE द्वारा निर्धारित न्यूनतम अहर्ता को strictly follow करने के लिए आनंद यादव वाले निर्णय का हवाला दिया (शिक्षा मित्रों वाला) ।
कुल मिलाकर हर किसी को हक़ है अपनी बात रखने का और हम खुले दिल से स्वागत करते हैं अपने senior teachers का। 😉😉😉😉
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My Panorama -
Interveners द्वारा जो जजमेंट/आदेश लगाए गए हैं वे ख़ुद affirm करते हैं NCTE द्वारा लिए गए निर्णयों को कि न्यूनतम अहर्ता निर्धारित करना solely NCTE का काम है और सबसे बड़ी बात NCTE act/ 2011 Section 12A ने तो NCTE को और शक्तिशाली बना दिया है समूचे देश में न्यूनतम अहर्ता को निर्धारित करने हेतु और राज्य सरकार द्वारा word to word follow करने के लिए।
अब जो 12.11.2014 को पदोन्नत्ति हेतु NCTE ने amendment किया है वो भी तो न्यूनतम अहर्ता में है कि एक पायदान से दूसरे पायदान पर जाने के लिए आपको उस लेवल का TET उत्तीर्ण करना होगा। clause 4b NCTE amendment dated 12.11.2014 । ये न्यूनतम अहर्ता कैसे नज़रंदाज़ कर देगी state?
फिर इस amendment को आए वर्षों हो गए आजतक नियमावली में संशोधन नही हुआ तो जिस नियमवाली पर आज सरकार पदोन्नत्ति करना चाहती है वो तो VIRES है यानी मृत नियमावली है तो फिर कैसे हो जाएगी पदोन्नत्ति?
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ये लड़ाई राज्य सरकार से तो है ही लेकिन अब ये TET बनाम NON TET की भी हो गई है NON TET शिक्षक सजग हैं लेकिन TET उत्तीर्ण मुँह डाले पड़े हैं और सोच रहे हैं सब हिमांशु ही कर लेगा तो ठीक है हिमांशु ने नियुक्ति भी ली थी तो जो भाई साथ हैं उनके साथ प्रमोशन भी लेगा। TET उत्तीर्ण पड़े रहें अपने घरों में।