देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को पर्यावरण हितों की रक्षा और डिजिटलीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सऐप संदेशों के माध्यम से वकीलों को वाद सूची के साथ नये मामले के दाखिल होने व सूचीबद्ध करने से संबंधित जानकारी साझा करेगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस पहल से कागजों की बर्बादी रूकेगी, जिससे पेड़ों व पृथ्वी को बचाने में मदद मिलेगी।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने व्हाट्सऐप को सुप्रीम कोर्ट की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका बहुत प्रभावशाली असर पड़ेगा और इस कदम से कागज और पृथ्वी को बचाने में मदद मिलेगी। नौ जजों की संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे सीजेआई ने अदालती कार्यवाही शुरू करने से पहले व्हाट्सऐप को न्यायालय की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं से जोड़ने की घोषणा की। मुख्य न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सऐप नंबर 8767687676 साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस ऐलान की सराहना की और शीर्ष अदालत द्वारा इसे एक और क्रांतिकारी पहल बताया।
व्हाट्सऐप नंबर जारी
मुख्य न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सऐप नंबर 8767687676 साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यह हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और कागज के साथ ही हमारी पृथ्वी को बचाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।