यूजीसी नेट व आईएएस प्री की तिथि टकराई, दोनों परीक्षाएं 16 जून को


प्रयागराज। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (यूजीसी नेट) जून 2024 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके अनुसार यूजीसी नेट का आयोजन 16 जून 2024 को होगा और उसी दिन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 भी प्रस्तावित है। ऐसे में अभ्यर्थियों को किसी एक परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा।

हालांकि, यूजीसी पर नोटिफिकेशन जारी होते ही परीक्षा तिथि बदलने का दवाव बढ़ने लगा है। वहीं, यूपीएससी ने पूर्व में जारी वर्ष 2024 के परीक्षा कैलेंडर में सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की तिथि 26 मई प्रस्तावित की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग को परीक्षा तिथि बदलनी पड़ी और आयोग की ओर से जारी संशोधित कैलेंडर में प्रारंभिक परीक्षा की प्रस्तावित

तिथि 16 जून निर्धारित की गई। यूजीसी नेट के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 मई निर्धारित की गई है। परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 11 मई 2024 से 12 मई 2024 (रात 11:50 बजे तक) और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में सुधार की तिथि 13 से 15 मई निर्धारित की गई है। वहीं, प्रवेश पत्र परीक्षा से एक सप्ताह पहले जारी किए जाएंगे। अभ्यर्थियों को काफी दिनों से यूजीसी नेट की तिथि घोषित होने का इंतजार था। हालांकि, परीक्षा तिथि घोषित होने के बाद अभ्यर्थी हताश हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे अभ्यर्थियों की है,

जिन्होंने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए

आवेदन कर रखे हैं। अगर दोनों में से कोई एक परीक्षा तिथि बदली नहीं जाती है तो अभ्यर्थी किसी एक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि यूपीएससी ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा की संशोधित तिथि पहले ही घोषित कर दी थी, जबकि एनटीए ने यूजीसी नेट का नोटिफिकेशन बाद में जारी किया। ऐसे में यूजीसी नेट की परीक्षा तिथि बदली जानी चाहिए। इस मांग को लेकर कई अभ्यर्थियों ने यूजीसी को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन भी प्रेषित किए हैं।



तीन कैटेगरी के लिए होगी परीक्षा

इस बार परीक्षा जेआरएफ, असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी तीनों कैटेगरी के लिए होगी। जानकारों का मानना है कि यूजीसी ने नई शिक्षा नीति के दृष्टिकोण से एक सकारात्मक कदम उठाया है। इससे जहां अच्छे शोधार्थियों की संख्या बढ़ेगी, वहीं छात्र-छात्राओं का समय और धन दोनों बचेगा। अनके विश्वविद्यालयों का शोध सत्र बहुत पीछे चल रहा है। अभी तक सभी विश्वविद्यालयों की ओर से शोध प्रवेश परीक्षा अलग- अलग आयोजित की जाती थी। अब विश्वविद्यालयों पर शोध प्रवेश परीक्षा के आयोजन का बोझ भी कम होगा।


ऑफलाइन मोड में लौटी परीक्षा

इस बार यूजीसी नेट ऑनलाइन की जगह पुनः ऑफलाइन ओएमआर पर होगी। नेट/जेआरएफ परीक्षा की मार्गदर्शक डॉ. अलका प्रकाश ने ऑनलाइन परीक्षा में आ रही समस्याओं की जानकारी देते हुए बताया कि अभी आनलाइन परीक्षा में केंद्र पर सर्वर डाउन की समस्या के साथ ही परीक्षा के बीच में छात्रों के कंप्यूटर बंद होने, कॉम्प्रिहेंशन पढ़ने में समस्या समेत अनेक दिक्कतें आती थीं, जिससे छात्रों को राहत मिलेगी।