बड़वानी: स्कूल
में सभी विषयों के 13 शिक्षक पदस्थ, जिनमें आठ स्थायी और पांच अतिथि शिक्षक, फिर भी वहां 12वीं कक्षा की परीक्षा का परिणाम शून्य। यह हर किसी के लिए हैरानी का विषय है। ग्रामीणों और अभिभावकों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि शिक्षक न तो नियमित स्कूल आते हैं और जो आते हैं, वह पढ़ाने पर ध्यान नहीं देते।
प्राचार्य समीक्षा की बात कर रहे हैं, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों ने क्या पढ़ाया, इसकी जांच करेंगे, फिर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। मामला मप्र के बड़वानी जिले के गांव मलफा का है। यहां के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 12वीं के
प्राचार्य समीक्षा की बात कर रहे हैं, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शिक्षकों ने क्या पढ़ाया, इसकी जांच करेंगे, फिर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। मामला मप्र के बड़वानी जिले के गांव मलफा का है। यहां के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 12वीं के
विद्यार्थी फेल हो गए। विद्यालय
में पदस्थ 13 शिक्षकों में से पांच विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं शिक्षकों की थी। 12वीं में कला और विज्ञान संकाय में दर्ज 89 में से 85 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी और सभी फेल हो गए। स्कूल में कक्षा नौवीं से 12वीं तक में 300 विद्यार्थी दर्ज हैं। स्कूल के प्राचार्य आलोक सिसोदिया
का कहना है कि ऐसे परिणाम क्यों आए, इसकी समीक्षा कर रहे हैं। 12वीं के रिजल्ट के पुनर्मूल्यांकन के लिए माध्ममिक शिक्षा मंडल को आवेदन भेजेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी शीला चौहान ने कहा कि शिक्षकों ने क्या पढ़ाया, इसकी जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
इसी तरह का मामला देवास जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र उदयनगर के समीप ग्राम आगराखुर्द के हाईस्कूल में भी सामने आया है। कक्षा 10वीं में कुल 13 विद्यार्थी दर्ज हैं, इनमें से 11 ने परीक्षा दी थी। 10 फेल हो गए, जबकि एक को पूरक मिला है। स्कूल को वर्ष 2018 में मिडल स्कूल से हाईस्कूल में उन्नत किया गया था।