इस मुद्दे को लगातार लड़ रहा हूँ और इसमें यही है कि इलाहाबाद में योजित दर्जनों याचिकाएँ हैं जिनका कोई motive तो है नहीं, मिलकर लड़ लेते तो कम से कम एक राह पर पूरे ट्रांसफ़र में शून्य दिखाए गए जनपदों पर लड़ तो सकते थे लेकिन ये उत्तर प्रदेश है और यहाँ हर कोई वक़ील है और यही ज़िद एकल पीठ में पैरविकारों की हार का कारण बनी लेकिन हालतों में अब भी कोई सुधार नहीं यहाँ तक कि जिसको ट्रांसफ़र से दूर दूर तक कोई लेना देना नही हाई वो आम शिक्षकों को बेवक़ूफ़ों बना रहा है और उनका motive ये नहीं है कि केस जीते उनका motive है कि हिमांशु के केस को कैसे sabotage किया जाए।
thats apart
केवल appeal मैं दाख़िल किया हूँ lucknow bench में जिस पर सरकार पहली तारीख़ पर बहाने बनाई कि same matter इलाहाबाद में भी है जिस पर हमने विरोध किया क़ि वहाँ के matter और documents हमारे से भिन्न हैं और हमारी एकल पीठ की याचिकाओं पर दो आदेश हुए जिन पर एक भी आदेश का compliance नहीं हुआ और इलाहाबाद पीठ ने एकल पीठ में मामला ख़ारिज कर दिया, जस्टिस मसूदी ने कहा कि matter hearing वाला है ठीक है अगली तारीख़ पर लेकर आएँ कि इलाहाबाद में सुनवाई कहाँ तक पहुँची है। पिछली तारीख़ पर सरकारी अधिवक्ता को डाँट लगाई कि लेकर क्यों नहीं आए और अगली तारीख़ पर बिना instructions के आ मत जाना। (आदेश में दिख जाएगा)
मेरा केस lucknow bench में है और समस्त legality के साथ मज़बूती से लड़ रहा हूँ लेकिन इलाहाबाद वालों के केस में इतनी याचिका हैं कि एक भी याचिका में proper जवाब न हुआ तो सब ख़ारिज हो जाएँगी इसलिए शुरू से मैं केवल एक ही मुद्दा रखा कि ट्रांसफ़र चाहे PRT हो या JRT जिले शून्य कैसे हो गए और जैसे जैसे RTI देते गए RTI cancel कैसे कर दिए और तो और जब promotion के लिए counselling का schedule आया तो जहाँ शून्य रिक्तियाँ थी वहाँ भी counselling schedule जारी कर दिए ऐसा कैसे?
तो केस को मिल जुलकर भी लड़ा जा सकता था लेकिन झूठ ज़्यादा समय छिपता नही है यही इलाहाबाद में हुआ है आम शिक्षकों का पागल बनकर केवल वसूली हो रही है धरातल पर कुछ है नहीं इनका।
सावधान रहें सचेत रहें
Himanshu Rana
9927035996
Vijeta
9520161021