- पी पी ए फार्म जमा करने में लाइन में लगे मास्टरों में हुई मार पीट
- बेसिक शिक्षा विभाग की नीति से शिक्षक हुए परेशान
- अध्यापन का कार्य छोड़ अध्यापक लगे बैंक की लाइन
- बैंक आफ बड़ोदा बैंक कर्मचारियों की लापरवाही भी आई सामने
- बच्चो के पेपर कार्य को ताख पर रख कर अध्यापकों की भीड़ बैंक के चक्कर लगा रही
हरदोई जनपद में बेसिक शिक्षा की नई नीति देखने लायक है जहां आज एक नया नज़ारा कैमरे में कैद हुआ जिस में अध्यापकों की लंबी लाइन बैंक मे लगी दिखाई दी। बताते चले कि आज ही प्राइमरी और जूनियर दोनों माध्यमो में बच्चो की वार्षिक परीक्षा होने को हैं वही दूसरी ओर अध्यापक बैंक की लंबी लाइन में लग कर पी पी ए का फार्म जमा करने में जुटे है और आपसी धक्कामुक्की और जल्दी बाज़ी को ले कर शिक्षकों ने आपस मे मार पीट चालू कर दी । अध्यापकों का यह रवैया देख वहां बडौदा बैंक में मौजूद बैंक कर्मचारी आननफानन में बीच बराव करने में जुट गए ।
बताते चले की हरदोई जनपद के बड़ोदा बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पी पी ए फार्म जमा करने के लिए सिर्फ एक ही काउंटर चलाया जा रहा था। अध्यापकों में हुए आपसी विवाद के बाद बैंक प्रसाशन चेता और एक अन्य काउंटर चालू करवाया गया।
बताते चले कि पूरे वर्ष की कंपोजिट ग्रांट को मार्च में भेजा जाता है और अध्यापकों को वह पैसा इसी माह में व्यय करना होता है जिस कारण अध्यापकों पर
अनावश्यक दबाव बनाना स्वाभाविक है । अब देखने योग्य बात यह है कि यदि अध्यापकों का हुजूम बैंक की लाइन में लगा है तो विद्यालय में परीक्षा का कार्य कैसे हो रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इस बावत किस तरह का इंतज़ाम किया गया है यह भी जानने योग्य है क्योंकि बच्चो की परीक्षा का कार्य बिना विद्यालय के अध्यापकों की मौजूदगी के कैसे सुचारू रूप से संचालित हो रहा है ।
अनावश्यक दबाव बनाना स्वाभाविक है । अब देखने योग्य बात यह है कि यदि अध्यापकों का हुजूम बैंक की लाइन में लगा है तो विद्यालय में परीक्षा का कार्य कैसे हो रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इस बावत किस तरह का इंतज़ाम किया गया है यह भी जानने योग्य है क्योंकि बच्चो की परीक्षा का कार्य बिना विद्यालय के अध्यापकों की मौजूदगी के कैसे सुचारू रूप से संचालित हो रहा है ।
जहाँ एक ओर राज्य सरकार बच्चो के उज्ज्वल भविष्य को ले कर बड़े बड़े दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर हरदोई जनपद के जिला बेसिक शिक्षा विभाग का यह रवैया देख कर यह अवश्य जाहिर होता है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रसाशन को बच्चो के भविष्य की कितनी चिंता है।