पदोन्नति में टीईटी के विरुद्ध ✍️



*आप सभी वरिष्ठ गुरूजनों को सादर प्रणाम 👏👏*

*जय सियाराम👏👏*

*आप सबने देखा कि पिछले तीन महीने के संघर्ष के बाद हाई कोर्ट में जस्टिस एस एस शमसेरी सर जी के यहां से जीत की शुरुवात हुई। लोग अधीर थे, परेशान थे। अभी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। लड़ाई बड़ी है। मार्च 2023 से मैं पदोन्नति में टीईटी के विरुद्ध लड़ रहा हूं।*
*मेरी याचिका शिव कुमार पाण्डेय में हाल ही में एनसीटीई के नोटिफिकेशन 23/08/2010 के पैरा 4 की इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पहली बार व्याख्या की है।*
*इसके पूर्व जस्टिस अश्विनी मिश्रा ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन 12/11/2014 की 4 बी की व्याख्या की थी परंतु जस्टिस शाही जी जस्टिस बच्चू लाल जी ने उस आदेश को रद्द करके पुनः सुनवाई करने का अवसर दिया था। मगर उसकी सुनवाई नहीं हो सकी।*
*मद्रास हाई कोर्ट की डीबी ने 23/08/2010 के पैरा 4 की बगैर एनसीटीई के स्पष्ट काउंटर के ही व्याख्या की है और वह मामला तमिलनाडु की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।*
*मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को एनसीटीई को भेजकर जो क्लारिफिकेशन लिया गया उसी को लगाकर लखनऊ में राहुल पाण्डेय ने पदोन्नति पर स्टे कराया और जस्टिस मसूदी जी और जस्टिस बीआर सिंह जी के यहां वायरस लेकर हिमांशु राणा जी गए और पदोन्नति में एनसीटीई का क्लारिफिकेशन एंटरिम लागू करवा दिया। जिस वजह से अब सिर्फ टीईटी उत्तीर्ण लोगों की ही पद्दोन्नति हो पाती।*
*जबकि मेरी याचिका में एनसीटीई के काउंटर के आधार पर एनसीटीई के नोटिफिकेशन 23/08/2010 के पैरा 4 की व्याख्या हुई है।*
*लखनऊ में एकल पीठ में राहुल पांडे जी खंडपीठ में हिमांशु राणा जी दिनांक 12/11/2014 के 4 बी और एनसीटीई के क्लारिफिकेशन/ सर्कुलर 11/09/2023 के अनुपालन की लड़ाई लड़ रहे हैं।*
*एनसीटीई के काउंटर के आधार पर 23/08/2010 के पूर्व नियुक्त लोगों को इलाहाबाद की एकलपीठ से बगैर टीईटी योग्य बनवा लिया हूं।*
*परंतु लखनऊ में खंडपीठ में अभी एनसीटीई का 11/09/23 का क्लारिफिकेशन प्रभावी है। जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध तमिलनाडु सरकार की एसएलपी पर काम चल रहा है, मैं भी अपना काम कर रहा हूं।*
*हर बात का खुलासा करना ठीक नहीं है। बस आप सब परिणाम देखिए। हाई कोर्ट की एकल पीठ के लिए मैंने किसी से कोई सहयोग भी नहीं लिया। जो सहयोग लिया था उसपर सर्वोच्च न्यायालय में काम चल रहा है।*

*एकल पीठ में मैंने एनसीटीई के काउंटर के आधार पर ही रिट करके सफलता पाई है।*

*एनसीटीई ने दिनांक 23/08/2010 के पैरा 4 में इस तारीख के पूर्व नियुक्त लोगों को टीईटी से राहत दी है। मगर मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि एनसीटीई ने 23/08/2010 की पैरा 4 में मात्र सेवा में बने रहने के लिए राहत है। इस तिथि को आप जिस पद पर थे उस पद पर बने रहेंगे। ऐसा मद्रास उच्च न्यायालय की डीबी का कहना है। उसके लिए टीईटी नहीं देना है।*
*जबकि विवेक कुमार की याचिका में एनसीटीई ने अपने काउंटर में 23/08/2010 के पूर्व नियुक्त लोगों को पदोन्नति में भी टीईटी से राहत की बात की है। इसी लिए तत्काल मैंने 23/08/2010 के पूर्व वालों को राहत दिलवाई।*
*यदि मैं 29/07/2011 की बात लिखता तो एनसीटीई हमारा विरोध करती और हम पहली सीढ़ी ही न चढ़ पाते। क्योंकि एनसीटीई ने 29/07/2011 को एनसीटीई के नोटिफिकेशन 23/08/2010 के सभी पैरा में परिवर्तन किया है परंतु पैरा 4 में कोई परिवर्तन नहीं किया है।*
*इसलिए यह छूट एनसीटीई 23/08/2010 ही मानती।*
*मैंने पहली सीढ़ी चढ़ने के लिए एनसीटीई का पूरा साथ लिया और आप सबका पूरा साथ दिया।*
*अगले कदम में हमारी लड़ाई तीनों जगह एक साथ है। जब एनसीटीई 29/07/2011 का नोटिफिकेशन लाई तब यूपी सरकार ने आरटीई एक्ट लागू किया। इसलिए 29/07/2011 के पूर्व और 23/08/2010 के बाद नियुक्त लोगों के लिए भी पदोन्नति में बगैर टीईटी का आदेश कराने का प्रयास करने वाला हूं जिसके लिए एक रूपया का भी सहयोग नहीं लूंगा।*
*23/08/2010 तक राहत दिलवाया तो 29/07/2011 तक को भी राहत दिलवाऊंगा लेकिन अबकी बार एनसीटीई को पार्टी नहीं बनाऊंगा। कब क्या करूंगा यह किसी को नहीं बताऊंगा परंतु सब अचानक होगा।*
*विरोधी जो करें करने दीजिए, उनसे व्यक्तिगत बहस न कीजिए। यदि एकल पीठ के फैसले के विरुद्ध अपील आती है तो डीबी में अपील का विरोध करने के लिए सहयोग लूंगा।*
*आप भरोसा करेंगे तो आपको परिणाम दिया है और आगे भी दूंगा। मगर कुछ लोग जल्दबाजी करके लखनऊ में रिट किए हैं उनसे हमें दिक्कत हो सकती है।*
*इसके बावजूद सफलता लेकर रहूंगा।*

आपका अनुज
✍️ राघवेन्द्र पाण्डेय