*"वेतन या वेतन वृद्धि रोकना* अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रकिया से शासित होता है अतः जब तक स्थापित नियमों के अधीन औपचारिक आदेश निर्गत न हो, *किसी भी कार्मिक के वेतन अथवा वेतन वृद्धि को रोका नहीं जायेगा, अन्यथा यह दायित्व निर्धारण का विषय होगा।*
नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की समस्त प्रक्रिया पूर्ण किये जाने के पश्चात् ही वेतन अथवा वेतन वृद्धि रोकी जायेगी और *ऐसी कार्यवाही अत्यन्त गम्भीर प्रकरण में ही की जायेगी।* पुनः बल दिया जाता है कि शासन के कार्मिक विभाग द्वारा निलम्बन एवं अनुशासनात्मक प्रक्रिया के अधीन एवं निर्धारित प्रपत्रों आदि पर ही कार्यवाही की जाये, *अन्यथा कार्यवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध भी नियम विरूद्ध कार्य करने की कार्यवाही की जायेगी।* किसी तात्कालिकता के प्रकरण में जिलाधिकारी की अनुमति से उक्त कर्मचारी को प्रतीक्षा में रखा जा सकता है, जिसका स्थायी अनुमोदन निदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा तथ्यों के आधार पर अनुमोदित किया जायेगा।