लखनऊ। माध्यमिक शिक्षक संघों
की शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की पत्नी को असाधारण पेंशन देने, शिक्षकों से कॉपियों की ढुलाई न कराने की प्रमुख मांगें शासन द्वारा पूरी करने के बाद बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन बहिष्कार वापस ले लिया गया है। हालांकि धर्मेंद्र के परिजनों को दो करोड़ की आर्थिक सहायता देने समेत अन्य मांगों को लेकर शिक्षकों का अभियान अभी जारी रहेगा। बुधवार को प्रयागराज में हुई राजकीय शिक्षक संघ की बैठक में ये निर्णय लिया गया।
राजकीय शिक्षक संघ व सभी माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों की जीआईसी प्रयागराज में हुई बैठक में छात्रहित में मूल्यांकन बहिष्कार वापस करने पर सहमति बनी। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने कहा कि धर्मेंद्र कुमार के परिवार को दो करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता देने, हत्यारोपी पुलिस कर्मी के विरुद्ध फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दिलाने व राजकीय हाईस्कूल महगांव, वाराणसी का नाम स्व. धर्मेंद्र कुमार के नाम पर किए जाने के लिए अभियान जारी रहेगा। कहा कि शासन व विभाग जल्द ही इन मांगों पर भी सकारात्मक निर्णय ले। वहीं माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार 91 फीसदी कॉपियों का
मूल्यांकन पूरा हो गया है। जल्द ही
बची हुई कॉपियों का मूल्यांकन पूरा कराकर निर्धारित समय पर परिणाम देने की तैयारी है। मालूम रहे कि वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की मुजफ्फरनगर में सिपाही द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शिक्षकों ने मूल्यांकन बहिष्कार कर दिया था। शासन की ओर से 25 लाख मुआवजा दिए जाने के बाद मूल्यांकन शुरू हुआ था, लेकिन फिर से शनिवार से मूल्यांकन बंद कर दिया गया था। इसके बाद शासन ने दबाव में दो और मांगें मानी हैं।