प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल महामारी जैसी अपराधियों पर हो कठोर कार्रवाई : हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती-2018 की पुनर्परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देने के आरोपी रोशन सिंह को जमानत न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा, प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल महामारी (एपिडेमिक) बन गई है। इसका शिक्षा व समाज सहित योग्य छात्रों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे अपराधियों पर कठोर कार्रवाई जरूरी है।



कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने तथा योग्य प्रतियोगियों का परीक्षा तंत्र पर भरोसा कायम रखने के लिए ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। कहा, नकल पर प्रभावी

नकेल कसने में जिम्मेदार एजेंसियों की नाकामी राज्य के लिए दुखद है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय को कानून मंत्री के समक्ष आदेश की प्रति रखने के लिए प्रेषित करने को कहा है। बता दें, आर्य कन्या इंटर कालेज, बांदा की प्रधानाचार्या पूनम गुप्ता ने

कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज 26 जून 23 को ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2018 की पुनर्परीक्षा चल रही थी। इसी बीच लखनऊ कंट्रोल रूम से फोन आया कि रंजन गुप्ता का बायोमीट्रिक संदिग्ध है। जांच करने पर रंजन गुप्ता के स्थान पर याची रोशन सिंह परीक्षा देते पाया गया। इसके बाद उसे 29 जून को गिरफ्तार कर लिया गया। याची का कहना था कि उसे फंसाया गया है। मौके से गिरफ्तारी नहीं की गई है। सह अभियुक्त को जमानत मिल चुकी है, इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाय।