सिपाही भर्ती परीक्षा में पर्चा लीक कराने वाले दो दबोचे


उत्तर प्रदेश भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड द्वारा पिछले महीने आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों अजय सिंह चौहान और सोनू सिंह यादव को एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों को किसान बाजार के पास पकड़ा गया। हालांकि ये दोनों सदस्य गिरोह की बेहद निचली कड़ी है।



इन्हें गिरोह के सरगना व मुख्य रूप से पर्चा लीक कराने वाले आरोपितों के बारे में कुछ पता नहीं है। इनकी भूमिका झांसे में आये अभ्यर्थियों तक लीक पर्चा पहुंचाना और रुपये वसूलने की जिम्मेदारी थी। पर्चा किसी सेन्टर अथवा प्रिन्टंग प्रेस या किस स्थान से लीक हुआ...इस बारे में एसटीएफ अभी पड़ताल कर रही है। अब तक इस मामले में छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

सिपाही भर्ती परीक्षा 17 व 18 फरवरी को प्रदेश के चुनिन्दा परीक्षा केन्द्रों पर हुई थी। परीक्षा सम्पन्न होने के बाद पर्चा लीक होने को लेकर कई सवाल उठे। अभ्यर्थियों ने बड़ा प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था। शासन ने एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के नेतृत्व में इस गिरोह को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी। एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने अपनी टीम के साथ सर्विलांस व अन्य के जरिये पड़ताल शुरू की। इस दौरान ही सामने आया कि प्रयागराज के फूलपुर, बाबूगंलज निवासी अजय सिंह व सोनू सिंह यादव ने कई अभ्यर्थियों तक लीक पर्चा और उसके जवाब पहुंचाये थे। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।


पर्चा लीक होने पर साल्वर भी बैठाते थे
एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार अजय सिंह ने बताया कि वह लोग प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने और साल्वर बैठाने का काम करते हैं। इसके अलावा पर्चा लीक कराने गिरोहों से भी उनके सम्पर्क हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा का लीक पर्चा उन्हें गिरोह के सदस्य राजन यादव से मिला था। उसी ने सवालों के उत्तर भी दिये थे। यह सब हाथ से लिखे हुए थे। उसने बताया कि उसके गिरोह में सोनू, राजन यादव, प्रयागराज के थरवई निवासी सुशील भारती समेत कई लोग है।

● एसटीएफ के हत्थे चढ़े दोनों आरोपी प्रयागराज के

● पर्चा लीक कराने वाले मुख्य आरोपितों का सुराग नहीं

दोनों आरोपियों ने वसूली मोटी रकम
डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि ये लोग अभ्यर्थियों से सम्पर्क करते थे, फिर उनसे दो-से तीन लाख रुपये एडवान्स लेते थे। सिपाही भर्ती परीक्षा के कई अभ्यर्थियों से इन लोगों ने एडवांस लिया। कहा कि चयन होने पर सात से 10 लाख रुपये और देने होंगे। परीक्षा में पर्चा लीक होने के मामले के तूल पकड़ते ही ये लोग फरार हो गये थे। लखनऊ के कृष्णानगर, प्रयागराज, नोएडा और फतेहपुर सीकरी समेत कई जगह पर परीक्षा केन्द्र पर नकल होने के मुकदमे दर्ज हुए थे। कृष्णानगर कोतवाली में दर्ज एफआईआर में तो यह तक लिखा था कि व्हाटसएप के जरिये मिले सवाल ही पर्चे में आये थे।