घर बैठे उपस्थिति लाक, अफसरों की भूमिका पर उठाए जा रहे सवाल


बलरामपुर: परिषदीय स्कूलों में आफलाइन अवकाश के खेल व आनलाइन उपस्थिति पर खूब होहल्ला मचने के बाद भी हालात जस के तस हैं। बिना स्कूल आए पोर्टल पर घर बैठे आनलाइन उपस्थिति लाक करने का खेल भी चरम पर है।


बिना अवकाश लिए सालों स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक पटल बाबुओं व खंड शिक्षा अधिकारियों की मिलीभगत से मलाई काट रहे हैं। हाल ही में बीएसए ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण कर ऐसे अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की है।

ऐसे लाक हो रही उपस्थितः शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति लाक करने के लिए वर्तमान लोकेशन की कोई अनिवार्यता नहीं होती है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को सुबह 10 बजे के बाद शिक्षक कहीं से भी मानव संपदा पोर्टल पर आनलाइन उपस्थिति लाक कर सकते हैं। पिछले माह की 21 व वर्तमान माह की 20 तारीख के आधार पर उपस्थिति दर्ज कर वेतन का भुगतान किया जाता है। ऐसे में अधिकांश प्रभारी प्रधानाध्यापक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों की सहायता से रजिस्टर पर उपस्थित दर्ज करते रहते हैं। बीते वर्षों में

रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर के कई

मामले भी सामने आ चुके हैं। नहीं प्रमाणित होता उपस्थिति रजिस्टर

विद्यालयों में शिक्षकों का उपस्थिति रजिस्टर कहीं से प्रमाणित नहीं किया जाता है। खंड शिक्षा अधिकारी, एकेडमिक रिसोर्स पर्सन या जिला समन्वयक निरीक्षण के दौरान ही रजिस्टर देखते हैं। ऐसे में स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों के नाम के आगे हस्ताक्षर का कालम खाली छोड दिया जाता है। विद्यालय बंद होने के समय या अगले दिन उस पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अधिकारियों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है। खूब चले जांच अभियान: विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच के लिए महानिदेशक के निर्देश पर कई बार क्रास चेकिंग अभियान चलाया गया। बीईओ ने दूसरे ब्लाकों के विद्यालयों में जाकर जांच की, लेकिन गायब रहने वाले शिक्षकों के खेल को उजागर नहीं कर सके। इससे उनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में है। यह विद्यालय हैं बानगी गत दिनों खंड विकास अधिकारी अनूप सिंह की जांच में हरैया सतघरवा के उच्च प्राथमिक विद्यालय देवपुरा के निरीक्षण में प्रभारी प्रधानाध्यापक सौम्या जायसवाल के स्थान पर एक बाहरी युवक बच्चों को पढ़ाता मिला था। इसी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय लंबीकोहल में तैनात शिक्षक सोनिका व प्रावि गंजड़हवा की शिवांगी शुक्ला वर्ष 2015 में नौकरी मिलने के बाद से विद्यालय में झांकने तक नहीं आईं।

शिकायत पर बीएसएस ने विद्यालयों की जांच भी की, लेकिन कार्रवाई मात्र स्पष्टीकरण तक सीमित है।


प्राथमिक विद्यालय लंबीकोहल का निरीक्षण किया था। ग्रामीणों से भी बातचीत की गई है। शिक्षिका सोनिका के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उच्च प्रावि देवपुरा में एवजी पर युवक के पढ़ाने के मामले में बीडीओ से रिपोर्ट लेने का निर्देश बीईओ को दिया गया है। गंजड़हवा का भी निरीक्षण किया

जाएगा। कल्पना देवी, वीएसए