लखनऊ, । मुजफ्फरनगर में चंदौली के शिक्षक धर्मेंन्द्र कुमार की हत्या के विरोध में शनिवार को शिक्षकों ने फिर मूल्यांकन बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ के पांचों मूल्यांकन केंद्रों पर काम ठप रहा। माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) और राजकीय शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के सभी 259 मूल्यांकन केन्द्रों पर शिक्षकों ने प्रदर्शन कर मूल्यांकन का बहिष्कार किया है।
माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा का कहना है कि शिक्षक स्व. धर्मेंद्र कुमार की शेष सेवावधि तक असाधारण पेंशन के रूप में उनके वेतन के बराबर धनराशि दी जाए। आश्रितों को दो करोड़ रुपये का आर्थिक सहयोग, मृतक आश्रित कोटे के तहत परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और विद्यालय का नाम मृतक शिक्षक के नाम किया जाए। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी, शर्मा गुट के मंडलीय मंत्री अनुज, चेतनारायण गुट के प्रदेश कोषाध्यक्ष महेश, वित्तविहीन शिक्षक संघ के उदयराज ने मूल्यांकन का बहिष्कार किया है।
हत्या के विरोध में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
सरकार मांगे माने नहीं तो जारी रहेगा बहिष्कार
अटेवा सहित सभी संघो और शिक्षको ने पूरे प्रदेश में मूल्यांकन बहिष्कार किया। अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने मुजफ्फरनगर में शिक्षक की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आश्रितों को सरकारी नौकरी व असाधरण पारिवारिक पेंशन देने की मा्गं की। उन्होंने कहा कि स्व. धर्मेंद्र कुमार के परिवार की तरफ से जो 6 मांगे मांगी रखी गई हैं उसको तत्काल सरकार स्वीकार करें, अन्यथा मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा। निशातगंज में आरपी सिंह, राजेंद्र यादव , सुनील वर्मा, डॉक्टर रमेश चंद्र त्रिपाठी सहित सैकड़ो शिक्षक शामिल थे।
80 फीसदी मूल्यांकन पूरा
लखनऊ के पांच मूल्यांकन केन्द्रों पर 80 फीसदी कापियों के मूल्यांकन का काम पूरा हो गया। मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि 607450 कापियों का मूल्यांकन होना है। 483719 कापियों का मूल्यांकन हो चुका है।