प्राइमरी के बच्चे फिर पढ़ेंगे 'लाठी लेकर भालू आया'


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के 1.15 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के कक्षा एक के बच्चे 24 साल बाद चर्चित कविता 'लाठी लेकर भालू आया, छम, छम, छम...' फिर से पढ़ेंगे।

एक अप्रैल से शुरू हो रहे 2024- 25 शैक्षणिक सत्र से कक्षा एक व दो में क्रमशः पुस्तकों 'कलरव' और 'किसलय' के स्थान पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की हिन्दी की किताब सारंगी को पढ़ाया जाएगा। इस कविता को एनसीईआरटी के खेलगीत 'मुर्गा बोला कूकडू कूं' के स्थान पर रखा गया है। एनसीईआरटी ने किताबों को यूपी के परिप्रेक्ष्य में ढालने के क्रम में राज्य शिक्षा संस्थान के विशेषज्ञों ने 1970 के दशक से 2000 तक पढ़ाई जाने वाली बेसिक ज्ञान भारती पुस्तक में शामिल कविता 'लाठी लेकर भालू आया,' को फिर से नई किताबों में जगह दी है। एनसीईआरटी ने कविता को शामिल करने की अनुमति दे दी। सहायक उपशिक्षा निदेशक डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि कक्षा दो में 24 साल बाद गिलहरी और कौआ पाठ शामिल किया गया है।

कक्षा एक की किताब में कुछ अहम बदलाव

एनसीईआरटी की 'थाथू और मैं' के स्थान पर 'ममता का घर'

टिल्लूजी पाठ हटाकर रुचिकर खेलगीत कद्दूजी

लैंगिक असमानता के कारण चींटा की जगह झूला कविता जोड़ा

■ तीन दोस्त के बदले रंगमयी कविता 'लाया हूं जी मैं गुब्बारे'