प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस सेवा को राज्याधीन सेवा मानते हुए पुलिसकर्मी की अध्यापिका पत्नी के अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर रोक लगाने वाले एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने मेरिट और केंद्रीय सेवा में पति को मिलने वाले भारांक का लाभ देते हुए अध्यापिका को स्थानांतरित जिले में तैनाती के साथ वेतन का आदेश दिया हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब भी तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने अपीलार्थी अर्चना तालियान, अंजू, गीता एवं ज्योति धामा व अन्य की ओर से दाखिल विशेष अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिया है।
अपीलार्थी महिला अध्यापिकाओं के पति दिल्ली पुलिस सेवा में कार्यरत है। बेसिक शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति के तहत अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए मेरिट के साथ ही केंद्रीय सेवा में पति या पत्नी की सेवा का भरांक भी जोड़ा जाता है। इसका लाभ प्रदान करते
हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने अमेठी में तैनात अर्चना तालियान का बुलंदशहर स्थानांतरण किया था, लेकिन वह कार्यभार संभालतीं, इससे पहले ही उनके स्थानांतरण को विभाग ने यह कहते हुए रोक दिया कि दिल्ली में तैनात पुलिसकर्मी राज्याधीन सेवा में माना जाएगा।