सिपाही भर्ती परीक्षा में चयन कराने और समीक्षा अधिकारी का पर्चा देने के नाम पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूली करने के आरोपी बैंक कर्मचारी आशुतोष गुप्ता को एसटीएफ ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। हरदोई में तैनात आशुतोष ने अभिजीत विसेन नाम के युवक की फोटो का इस्तेमाल कर एक ग्रुप बना लिया था और उसमें ही जाल में फंसे अभ्यर्थियों से चैट करने लगा था। इस दौरान ही कुछ लोगों ने उसकी इस करतूत को वायरल करना शुरू कर दिया तो अभिजीत का नाम सामने आने लगा। अभिजीत ने इस मामले में एफआईआर करायी थी तब एसटीएफ ने जांच शुरू की। सच सामने आने पर एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी बलिया का रसड़ा निवासी आशुतोष कुमार गुप्ता है। वह लखनऊ में एल्डिको टाउन में रहता था। आशुतोष वर्ष 2017 में बलिया से लखनऊ आकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। वर्ष 2018 में उसका चयन एक बैंक में क्लर्क पद पर हुआ। इस समय वह हरदोई में तैनात था। इस दौरान उसने अभ्यर्थियों से वसूली शुरू कर दी। वह परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवकों के कई ग्रुप पर जुड़ा हुआ है। इसमें उसने परीक्षा में चयन कराने का झांसा देते हुए पोस्ट डालना शुरू कर दिया। इस पर कई अभ्यर्थियों ने उससे सम्पर्क किया
सहयोगी कर्मचारी की आईडी पर लिया था सिम
आशुतोष ने सहयोगी कर्मचारी की आईडी चुराकर इससे ही एक सिम हरदोई में लिया। इस पर व्हाट्सएप चलाकर अभिजीत विसेन नाम के युवक की फोटो लगा ली। युवक के दो लाख से ज्यादा फॉलोवर, कई बड़े राजनेताओं के साथ फोटो सोशल मीडिया पर है। वह कई जगह खुद को अभिजीत, कई ग्रुप पर अभिजीत का करीबी बताकर अभ्यर्थियों से सिपाही भर्ती परीक्षा में चयन, समीक्षा अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर आठ से 40 लाख तक वसूलने लगा था। इस दौरान अभिजीत द्वारा पर्चा लीक कराने की बात वायरल होने लगी थी। अभिजीत को पता चला तो उन्होंने इंदिरा नगर में मुकदमा दर्ज करा दिया था। एसटीएफ की जांच में खेल खुल गया।