प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में गोरखपुर की कुमारी निशा के मामले में बीएसए की ओर से अनुकंपा नियुक्ति खारिज करने के आदेश को निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की कोर्ट ने बीएसए को नए सिरे से विचार करने और दो माह में नया आदेश पारित करने को कहा।
याची के पिता बेलाघाट ब्लाक के एक प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर के रूप में कार्यरत थे, जिनकी मृत्यु हो
गई। याची दिव्यांग और पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर है। पीएसी में कार्यरत याची के बड़े भाई परिवार सहित जौनपुर में रहते हैं। उन्होंने शपथपत्र देकर कहा कि याची को अनुकंपा नियुक्ति मिलती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने "मृतक का बड़ा बेटा पीएसी में कार्यरत है, इसलिए कोई वित्तीय संकट नहीं है।" को आधार बनाते हुए अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को खारिज कर दिया था। ऐसे में याची ने बीएसए के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने बीएसए के आदेश को रद्द कर दिया।