कन्नौज। फर्जी प्रमाण पत्र की मदद से सरकारी अध्यापक बनने का मामला सामने आया है। जांच में मामला स्पष्ट होने के बाद आरोपी शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान नौकरी पाए आरोपी ने जिले में 37 महीने तक नौकरी की। उसकी तैनाती यहां सौरिख ब्लॉक के बीलमपुर प्राइमरी स्कूल में थी। बीएसए ने सौरिख के बीईओ को आरोपी शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने को कहा है।
मूलरूप से फिरोजाबाद के जलेसर रोड शिवनगर निवासी देवेंद्र सिंह की सहायक अध्यापक के रूप में पांच दिसंबर 2020 को तैनाती मिली थी। उसे सौरिख ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल बीलमपुर के सहायक अध्यापक पद पर तैनात किया गया था। उसने सात दिसंबर को कार्यभार ग्रहण किया था। बीएसए उपासना रानी वर्मा ने बताया कि विभागीय जांच में सामने आया कि देवेंद्र सिंह की ओर से जो दस्तावेज जमा किए गए थे, वह फर्जी हैं। उसके हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र भी फर्जी थे। उसके आधार कार्ड का क्यूआर कोड स्कैन करने पर नाम राजकुमार व पता आसदेवमई नूरपूर पोस्ट थानूमई थाना शिकोहाबाद जनपद फिरोजाबाद निकला। दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि में गलत निकली। स्थाई पता, फोटो, स्कूल व पिता का नाम भी अलग-अलग निकला। बीएसए ने बताया कि कई बिंदुओं पर जांच के बाद बर्खास्त करने की कार्रवाई हुई है। अगर बर्खास्तगी पर आपत्ति हो तो वह बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के यहां अपील कर सकते हैं।
तीन बार भेजी गई नोटिस, नहीं आया जवाब
बीएसए ने बताया कि मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव की ओर से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्र व प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया। जांच में प्रमाण पत्र के फर्जी होने की जानकारी पर इन्हें अलग-अलग समय पर तीन बार नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा गया। उनकी ओर से कभी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया, न ही आधार अपडेट हिस्ट्री का प्रमाणीकरण कराया।
अब तक 27 शिक्षक बर्खास्त
बीएसए ने बताया कि जिले में 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले देवेंद्र सिंह से पहले 26 लोगों का प्रमाण पत्र भी गलत पाया गया। जांच के बाद उन सभी को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। अब देवेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई हुई है।