आदेश आ गया है और जो चाहा था वही उसमें मिला है कि बिना नियमावली में संशोधन किये ये कैसे पदोन्नत्ति कर सकते हैं।
हमने याचिका में सीधा कहा था कि बेसिक शिक्षा नियमावली के रूल 18 में टेट की अनिवार्यता को लागू किये बिना ये कैसे प्रमोशन कर सकते हैं?
कोर्ट ने मामले को विचार करके और एक लम्बी जिरह के बाद मूल बात जो हैं वो हैं -
सरकार प्रमोशन की प्रक्रिया को पूरा करने से पूर्व अपनी नियमावली के रूल 18 में संशोधन करे और टेट की अनिवार्यता को रूल में समाहित करे।
सरकार चाहे तो टेट उत्तीर्ण का प्रमोशन कर सकती है लेकिन पहले रूल को संशोधित करना होगा और कैसा भी प्रमोशन होता है तो वो हमारी याचिका के अधीन रहेगा।
ज़बरदस्त रहा मद्रास उच्च न्यायालय का जजमेंट का वो हिस्सा जो साफ़ करता है कि प्राथमिक का हेड बनने हेतु भी आपको टेट उत्तीर्ण करना होगा यानी प्रमोशन चाहे कैसा भी हो टेट आपको चाहिए होगा।
तीन सप्ताह में काउंटर देना है राज्य सरकार को और उस पर फिर वादियों को rejoinder फ़ाइल करना होगा।
नोट :- केवल टेट की अनिवार्यता का दिमाग़ तो सभी ने लगाया है और एकल पीठ में गए भी हैं तो फिर हमने रूल क्यों?
वो इसलिए क्योंकि रूल में टेट नही होगा तो जो बिना टेट वाले वे रूल की दुहाई देते और अडंगा लगा देते। अब जो होगा नियमानुसार होगा।