केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार ही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर तय होने हैं। वैसे तो परीक्षा की तैयारियां पूरी हो चुकी है फिर भी जहां से शिकायत मिल रही है उसकी जांच की जाएगी। दिब्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड
● वित्तविहीन स्कूलों को अधिक दे दिए गए परीक्षार्थी
● यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिए जिले में खूब हुई मनमानी
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के केंद्र निर्धारण में कदम-कदम पर मनमानी की गई है। सात सितंबर को जारी केंद्र निर्धारण नीति में सबसे पहले राजकीय और उसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को सेंटर बनाने की शर्त के अतिरिक्त प्रावधान था कि केंद्रों पर न्यूनतम 250 और अधिकतम 1200 परीक्षार्थी आवंटित किए जाएंगे। लेकिन वित्तविहीन स्कूलों के संचालकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से परीक्षार्थियों के आवंटन में जमकर मनमानी हुई है। जानकारों की मानें तो यदि राजकीय और एडेड कॉलेजों की क्षमता के अनुसार परीक्षार्थियों का आवंटन होता तो केंद्रों की संख्या कम हो सकती थी।
जिले के प्रतिष्ठित सहायता प्राप्त स्कूलों में उनकी धारण क्षमता से कम परीक्षार्थी आवंटित करके वित्तविहीन स्कूलों को अधिक परीक्षार्थी दे दिए गए। उदाहरण के तौर पर जवाहर लाल इंटर कॉलेज भोपतपुर सहसों में हाईस्कूल के 149 और इंटर के 121 कुल 270 परीक्षार्थी आवंटित किए गए हैं। सार्वजनिक इंटर कॉलेज मनेथू फूलपुर में 10वीं के 211 व इंटर के 140 कुल 331, केबीएम इंटर कॉलेज कमलानगर में हाईस्कूल के 191 व इंटर के 148 कुल 339, मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज जमुनीपुर में हाईस्कूल के 253 और इंटर के 128 कुल 363 छात्र और पब्लिक इंटर कॉलेज मोतीहा उतरांव में हाईस्कूल के 217 व इंटर के 175 कुल 392 छात्र ही परीक्षा देंगे।
यहीं तक की शहर के सबसे बड़े राजकीय इंटर कॉलेज में भी एक हजार से कम परीक्षार्थी आवंटित किए गए हैं। कायदे से जीआईसी में दो सेंटर बन सकता है और अधिकतम 2400 बच्चे परीक्षा दे सकते हैं। शहर के ही जीजीआईसी सिविल लाइंस में 768 और जीजीआईसी कटरा में 511 परीक्षार्थी आवंटित किए गए हैं। जीजीआईसी शंकरगढ़ में कुल 587, जीजीआईसी फूलपुर में 361, जीजीआईसी हंडिया में 412, जीजीआईसी सैदाबाद में 580 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे।