मातृभाषा में शिक्षा देने से भाषायी दिक्कत दूर होगी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के दौरान रियल टाइम ट्रांसलेशन एआई टूल्स को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में अपनी भाषा में शिक्षा देने से प्रतिभाएं उभर कर आएगी और शिक्षा में भाषायी दिक्कत का संकट खत्म हो जाएगा।


प्रधानमंत्री ने रियल टाइम ट्रांसलेशन और अपनी भाषा में बच्चों को शिक्षा देने के महत्व को समझाया और कहा कि आने वाली समय में इससे भाषायी दिक्कत खत्म होगी और बच्चे अपनी भाषा में शिक्षित होकर अपनी प्रतिभा का अनोखा प्रदर्शन कर सकेंगे और नई शिक्षा नीति इस दिशा में क्रांतिकारी साबित होगी। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा ही फिल्मों के साथ भी होगा जब जनता सिनेमा हॉल में, एआई की मदद से रियल टाइम ट्रांसलेशन सुना करेगी।

अपनी भाषाएं बचानी भी हैं भाषाओं के संवर्धन को लेकर उन्होंने कहा कि बदलते समय में हमें अपनी भाषाएं बचानी भी हैं और उनका संवर्धन भी करना है। झारखंड के आदिवासी गढ़वा जिले के एक गांव ने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने की अनूठी पहल की है। गढ़वा जिले के मंगलो गांव में बच्चों को कुडुख भाषा में शिक्षा दी जा रही है। इस स्कूल का नाम है, कार्तिक उरांव। आदिवासी कुडुख स्कूल में 300 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं।


108वें एपिसोड का महत्व मन की बात के 108वी कड़ी के मौके पर मोदी ने 108 अंक का महत्व समझाया और कहा कि यह अध्ययन का विषय है। उन्होंने 108 अंक का महत्व बताते हुए कहा कि यह हमारी साझा यात्रा की 108वीं कड़ी है। हमारे लिए 108 अंक का महत्व और इसकी पवत्रिता गहन अध्ययन का विषय है।