लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के कक्षा छह से आठ के छात्रों के कौशल विकास पर भी फोकस किया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत इन बच्चों को पढ़ाई के साथ कृषि, बागवानी, नर्सरी, इंजीनियरिंग वर्कशॉप, ऊर्जा व पर्यावरण, होम साइंस व स्वास्थ्य आदि से जुड़ी चीजों की भी जानकारी दी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने उच्च
प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए लर्निंग बाई डूइंग (करके सीखने का) कार्यक्रम शुरू किया है। पहले चरण में 15 जिलों के नगरीय क्षेत्र के 60 विद्यालयों में व्यावसायिक हुनर सिखाने के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं। इनमें तकनीकी अनुदेशक प्रशिक्षण दे रहे हैं।
दूसरे चरण में प्रदेश के 886 ब्लॉक के 1,772 विद्यालयों में इसे लागू किया जाएगा। इसमें उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय शामिल हैं। इसके लिए 88.60 करोड़ रुपये खर्च करके प्रयोगशालाएं तैयार की गई हैं। खास यह है कि अभी तक विद्यार्थियों को किसी एक ट्रेड में प्रशिक्षित किया जा रहा था। जबकि अब सभी छह ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाएगा