सर्वप्रथम उन लोगों को साधुवाद जिन्होंने इस लड़ाई को सक्षम बनाया और कार्यशैली पर भरोसा करते हुए साथ दिया।
इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी जी और वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी शुक्ला जी का विशेष रूप से आभार।
हमारा केस आज 16 नम्बर पर खंडपीठ इलाहाबाद की लखनऊ बेंच में जस्टिस ए आर मसूदी जी और जस्टिस बी आर सिंह जी की बेंच में लगा हुआ था जिसकी सुनवाई 12:48 - 01:23 तक हुई। याचिका में हमारा कहना था कि सरकार बिना TET ही नही बल्कि जब तक बेसिक शिक्षा नियमावली-1987 के रूल 18 में संशोधन करके पदोन्नति हेतु TET को अनिवार्य रूप से नही लाती है तब तक कोई भी पदोन्नत्ति वैध नहीं होगी और इससे TET के साथ साथ बिना TET दोनों ही प्रकार के अभ्यर्थियों का दावा इस पर रहेगा जबकि NCTE के नियमों को बाध्यता है कि प्राथमिक का हेड और उच्च प्राथमिक का सहायक बनने हेतु उसी लेवल की TET अनिवार्य रूप से करना होगा |
कोर्ट ने इस मामले में पिछली तारीख़ पर सरकार से instructions मँगाये थे और आज सरकारी अधिवक्ता रणविजय सिंह जी के पक्ष से कोई satisfy नही हुए और कह दिया कि बिना TET एक पायदान से दूसरे पायदान आप किसी को भेजेंगे नही , हाँ TET उत्तीर्ण को liberty दी है लेकिन उसमें भी एक पेच है कि जब तक rule 18 amend नही होगा तब तक कोई पदोन्नत्ति नही होगी।
ये स्थागनादेश पूरे प्रदेश पर है किसी एक जिले पर नही है क्योंकि कुछ लोग अपने जिले के लिए stay लाए थे जबकि मेरा मानना था हमेशा से कि चाहे हो न हो बस नियम सही रहें और पूरे प्रदेश में पदोन्नत्ति अब तभी होगी जब हमारी याचिका में कही गई बातों को ये word to word अमल में लाएँगे वरना पदोन्नत्ति गई एक लम्बे अंतराल के लिए ठंडे बस्ते में।
एक बात और आदेश आने दीजिए मैंने Supreme Court की भी तैयारी शुरू कर दी है तो जो भी इस लड़ाई को against में लड़ना चाहता है स्वागत है उसका।
#rana