पदोन्नति पर स्थगन 5 जनवरी 2024 को ही हो गया था। यदि दिनांक 29/12/2023 के सर्कुलर पर स्थगन न लिया होता तो दिनांक 6 जनवरी 2023 को पदोन्नति हो गई होती। उसके बाद जो पदोन्नति पा जाते उन्हे आरटीई एक्ट सेक्शन 23(2) के तहत 2 वर्ष में TET उत्तीर्ण करने का अवसर मिलता। यदि न उत्तीर्ण कर पाते तो रिवर्ट बैक हो जाते। जबकि दिनांक 31 मार्च 2019 को ही छूट की स्थिति खत्म हो चुकी है।
आज की सुनवाई में सचिव साहब के वकील ने माननीय कोर्ट को दिनांक 23/08/2010 का पैरा 4 पढ़ाया कि इसमें इस तिथि के पूर्व नियुक्त को TET से राहत मिली है। कोर्ट सहमत थी लेकिन एनसीटीई का माननीय मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी पत्र को संज्ञान में लेकर स्पष्ट किया कि जो टेट उत्तीर्ण नहीं हैं उनकी पदोन्नति न की जाए परंतु जो टीईटी उत्तीर्ण हैं उनकी पदोन्नति पर कोई रोक नहीं है। हर छह महीने में टीईटी परीक्षा होती है, लोग उत्तीर्ण करें।
इस तरह नियमावली में पदोन्नति में TET एडमिट करने का आदेश है परंतु जो टीईटी हैं उनके पदोन्नति पर रोक नहीं है।
इस तरह करेंट लीगल पोजिशन जो है उसी पर करेंट में पदोन्नति हो सकती है, इस कारण दिनांक 5 जनवरी 2024 को भी स्थगन हुआ था और दिनांक 29 जनवरी 2024 को भी स्थगन हो गया है।
मैं मद्रास उच्च न्यायालय की सुनवाई पर वर्षों से नजर रखा था। जो एनी हाउ पदोन्नति चाहते हैं वह सचिव साहब से मिलकर टेट पास वालों की पदोन्नति करवा सकते हैं। मगर जैसे ही टेट उत्तीर्ण होने वालों की पदोन्नति शुरू होगी माननीय सर्वोच्च न्यायालय रोक लगा सकती है। क्योंकि टेट समर्थको के विरुद्ध तमिलनाडु सरकार की याचिका पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया है।
राहुल पांडे अविचल