नई दिल्ली, । केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महिला कर्मचारी वैवाहिक विवाद के मामले में पति के बजाय अपने बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामांकित कर सकेंगी। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नियमों में संशोधन किया है और एक महिला कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन के लिए अपने पति के बजाय अपने बच्चे/बच्चों को नामांकित करने की अनुमति दी है। विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा कि उन सभी मामलों में जिनमें तलाक की याचिका दायर की गई है या घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत याचिका दायर की गई है या भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नया नियम महिलाओं को सशक्त बनाएगा। पुराने नियमों के तहत, पेंशन पर पहला हक पेंशनभोगी के जीवित पति या पत्नी का होता था।