प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में सोमवार को देश के 14 राज्यों के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य जुटने जा रहे हैं। इंटरव्यू तकनीक पर आधारित इस एक दिनी कार्यशाला में अध्यक्ष और सदस्य अपने सुझाव देंगे। सुझावों के आधार पर भविष्य में इंटरव्यू तकनीक में बड़े बदलाव की तैयारी है। कार्यशाला का उद्घाटन सुबह नौ बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट के
यूपीपीएससी में आज जुटेंगे 14 राज्यों के आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज
कुमार गुप्ता करेंगे।
यूपीपीएससी ने भर्ती में पारदर्शिता के मद्देनजर बीते दिनों इंटरव्यू तकनीक में कई अहम बदलाव किए हैं। आयोग सीधी भर्ती की इंटरव्यू तकनीक में भी बदलाव करने जा रहा है। अब तक एक सदस्य और एक विशेषज्ञ का इंटरव्यू बोर्ड होता था, लेकिन अब दो सदस्यों और दो विशेषज्ञों का इंटरव्यू बोर्ड होगा। ऐसे अहम बदलावों के प्रभाव को लेकर भी कार्यशाला में मंथन किया जाएगा।
इसके साथ ही कार्यशाला में शामिल होने जा रहे 14 राज्यों के आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) की सफलता का राज भी जानेंगे। यूपीपीएससी देश का एकमात्र आयोग है, जिसने ओटीआर को सफलतापूर्वक लागू किया। इससे पूर्व कुछ अन्य आयोगों ने भी ओटीआर व्यवस्था को लागू करने का प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली। ओटीआर की व्यवस्था ने आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से सरलीकृत कर दिया है। ओटीआर के माध्यम से अब तक 17 लाख से अधिक अभ्यर्थी आयोग से सीधे जुड़ गए हैं। इनके अलावा भी आयोग ने अभ्यर्थियों की सहूलियत और परीक्षा की पारदर्शिता को ध्यान में रखते महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिन पर कार्यशाला में चर्चा होगी। बीते दिनों आयोग ने प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस का परिणाम 10 माह में जारी किया। वहीं, पीसीएस जे परीक्षा का रिजल्ट महज साढ़े छह माह में जारी कर दिया। यह रिकार्ड बनाकर यूपीपीएससी ने अन्य आयोगों के लिए नजीर भी पेश की है। ब्यूरो