लखनऊ, सरकारी विभागों में नियुक्ति और टेण्डर दिलाने का झांसा देकर लाखों की धोखाधड़ी के आरोपी दम्पति पर गोमतीनगर कोतवाली में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि दस लाख लेकर प्रमुख सचिव नियुक्ति-कार्मिक के जाली दस्तखत बनाकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। आरोपी दम्पति,परिवार के अन्य सदस्यों पर गैंगस्टर का मुकदमा में पहले से दर्ज है।
कमिश्नर हूं, चुटकी बजाते ही नौकरी लगवा दूंगा ग्वारी निवासी सतीश गौतम की पहचान कौशलपुरी निवासी मनोज तिवारी से थी। मनोज सचिवालय में तैनात कमिश्नर मनीष तिवारी की गाड़ी चलाने का दावा करता था। मनोज ने सतीश को बताया कि सचिवालय में नियुक्तियां होनी हैं। आप पढ़े लिखे हो प्रयास करो तो नौकरी मिल जाएगी। दिसंबर 2021 में मनोज ने सतीश की मुलाकात मनीष तिवारी से कराई। बातचीत के वक्त मनीष के साथ पत्नी हरमिता, पिता श्याम नारायण भी थे, जिन्होंने कई ज्वाइनिंग लेटर दिखाए।
‘मेरी लगवाई नौकरी में लिखित परीक्षा की जरूरत नहीं’
जुलाई 2022 में सतीश का नर्सिंग होम में मेडिकल टेस्ट कराया गया। 13 नवंबर 2022 में पीड़ित को आरोपियों ने नेहरू एंक्लेव स्थित घर बुला नियुक्ति पत्र दिया। प्रमुख सचिव नियुक्ति-कार्मिक के हस्ताक्षर और लोक सेवा आयोग चेयरमैन की मुहर भी लगी थी। बिना परीक्षा ज्वाइनिंग लेटर पर सतीश ने मनीष से पूछा तो बताया कि मेरी लगवाई नौकरी में लिखित परीक्षा नहीं होती। सतीश को बताया था कि जनवरी में ट्रेनिंग शुरू होनी है। फिर ज्वाइनिंग होगी। यह वक्त भी गुजर गया। इस बीच मनीष और हरमिता ने फोन उठाना बंद कर दिया।