लखनऊ। हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की ट्रांसफर नीति में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। याचियों का कहना था कि उनके जीवन साथी राष्ट्रीयकृत बैंकों, एलआईसी, विद्युत वितरण निगमों, एनएचपीसी, भेल, इंटरमीडिएट कॉलेजों, पॉवर कॉर्पोरेशन व बाल विकास परियोजना आदि पब्लिक सेक्टर्स में हैं।
याचियों की तैनाती जीवन साथियों से अलग जनपदों में है। 2 जून 2023 को शासनादेश के तहत जिन अध्यापकों के पति या पत्नी सरकारी सेवा में हैं, उनके अन्तर्जनपदीय तबादले के लिए दस प्वाइंट्स व्यवस्था है लेकिन 16 जून 2023 को पारित शासनादेश में स्पष्ट किया कि सरकारी सेवा में उन्हें ही तैनात माना जाएगा जो अनुच्छेद 309 के परंतुक के अधीन हैं। कोर्ट ने विस्तृत निर्णय में कहा कि सरकार की नीति में अनियमितता नहीं है।
अनुच्छेद 226 का प्रयोग कर सरकार या बोर्ड को पॉलिसी बनाने का आदेश नहीं दिया जा सकता, न उपरोक्त पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को सरकारी सेवा में कार्यरत माना जा सकता है।